सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को फटकार लगाई. उन्हें कोर्ट की अवमानना का दोषी ठहराते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनपर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. साथ ही अदालत की कार्यवाही होने तक उन्हें वहां मौजूद रहना होगा.
बिहार बालिका गृह कांड में सीबीआई के पूर्व अंतरिम प्रमुख एम नागेश्वर राव ने उच्चतम न्यायालय में बिना शर्त माफी मांगी. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि नागेश्वर राव शीर्ष अदालत के निर्देशों से वाकिफ हैं कि सीबीआई अधिकारी का तबादला इस अदालत की सहमति के बगैर नहीं किया जा सकता. अटॉर्नी जनरल ने उच्चतम न्यायालय से कहा, नागेश्वर राव ने खुद को अदालत की कृपा पर छोड़ा है और पुलिस अधिकारी के तौर पर उनका करियर बेदाग रहा है. नागेश्वर राव के खिलाफ अवमानना नोटिस की सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने कहा, उनका रवैया कुछ ऐसा रहा है कि मुझे जो करना था, वह मैंने किया है.
Chief Justice of India Ranjan Gogoi says 'for contempt of court we impose a fine of Rs 1 lakh and direct him(former CBI interim director M Nageshwar Rao) to sit in one corner of the court till the court rises for the day' #MuzaffarpurShelterHome https://t.co/Xzr7kcBYd8
— ANI (@ANI) February 12, 2019
कोर्ट ने जारी किया था नोटिस
बता दें कि कोर्ट ने सीबीआई के संयुक्त निदेशक ए के शर्मा का तबादला जांच एजेंसी से बाहर करने को लेकर राव के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया गया था. राव ने सोमवार को स्वीकार किया कि सीबीआई के अंतरिम प्रमुख के तौर पर शर्मा का तबादला कर उन्होंने ‘गलती’ की. उन्होंने शीर्ष अदालत से माफी मांगते हुए कहा कि उनकी मंशा न्यायालय के आदेश की अवमानना करने की नहीं थी. 7 फरवरी को जारी अवमानना नोटिस के जवाब में हलफनामा दाखिल करने वाले राव ने कहा कि वह अदालत से बिना शर्त माफी मांगते हैं.