अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की जज रूथ बदर गिंस्बर्ग का 87 साल की उम्र में निधन हो गया। जज रूथ बदर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की दूसरी महिला जज थीं।
मेटास्टेटिक अग्नाशय कैंसर की वजह से गिंस्बर्ग ने 87 साल की उम्र में दम तोड़ दिया। उनके निधन से अमेरिका में शोक की लहर है और व्हाइस हाउस के झंडे को झुका दिया गया है।
जज रूथ बेडर गिंस्बर्ग ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में दूसरी महिला जज के रूप में 27 साल तक अपनी सेवाएं दीं। उन्होंने अपना पूरा जीवन महिलाओं के अधिकारों के लिए समर्पित कर दिया।
रूथ बेडर गिंस्बर्ग की मृत्यु एसे समय में हुई है, जब दो महीने बाद अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने जा रहे हैं, एसे में डोनाल्ड ट्रंप को पहले से रूढ़िवाद में फंसी अदालतों को सही करने की कोशिश का एक मौका मिला है।
अमेरिकी अदालत ने एक बयान में कहा कि कैंसर की वजह से 87 साल की गिंस्बर्ग ने अपने वाशिंगटन स्थित घर पर दम तोड़ दिया। उन्होंने कैंसर से पांच बार जंग लड़ी और आखिरकार हार गईं।
जज रूथ बेडर गिंस्बर्ग की मृत्यु के बाद डोनाल्ड ट्रंप के पास अब सुप्रीम कोर्ट की तीसरी सीट भरने का मौका होगा। अमेरिकी सीनेट उम्मीदवार की पुष्टि करेगी, जिसके बाद रोए वी वेड के गर्भपात-अधिकारों के फैसले को पलट देने या गंभीर रूप से कम करने के फैसले की संभावना बढ़ जाएगी।
Justice Ruth Bader Ginsburg fought to the end, through her cancer, with unwavering faith in our democracy and its ideals. That’s how we remember her. But she also left instructions for how she wanted her legacy to be honored. My statement: https://t.co/Wa6YcT5gDi
— Barack Obama (@BarackObama) September 19, 2020
जज रूथ बदर ने लिंग भेद के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जंग लड़ी और अपनी अलग ही छाप छोड़ी। वहीं नेशनल पब्लिक रेडियो ने बताया कि गिंस्बर्ग ने अपनी पोती सारा क्लारा सपेरा से कहा था कि उनकी इच्छा है कि, जब तक अमेरिका में नया राष्ट्रपति नहीं बन जाता तब तक उनकी जगह किसी को न दी जाए।
Statement from the President on the Passing of Supreme Court Associate Justice Ruth Bader Ginsburg pic.twitter.com/N2YkGVWLoF
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) September 19, 2020
अमेरिका के चीफ जस्टिस ने एक बयान में कहा है कि अमेरिका ने एक कानून के बड़े जानकार को खो दिया है, जो कि सुप्रीम कोर्ट में उनकी सहकर्मी भी थीं।
Mourners join in a rendition of "Imagine" by John Lennon as they honor the legacy of Supreme Court Justice Ruth Bader Ginsburg, the standard bearer for the court's liberal wing and a progressive icon. https://t.co/QcBKdeDxe2 pic.twitter.com/62Sh502TdS
— ABC News (@ABC) September 19, 2020
आज वह दुख में हैं लेकिन आने वाली जज पीढ़ी रूथ बेडर को न्याय की एक दिग्गज के रूप में याद रखेगी। बतादें कि साल 1993 में राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने जज रूथ बेडर को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया था।
वह अदालत में महिला अधिकार आंदोलन की पैरोकार के रूप में एक विद्वान की तरह तर्क देती थीं, साथ ही वह अमेरिकी संविधान में समान अधिकार संशोधन की समर्थक के रूप में भी काफी सुर्खियों में रहीं।
साभार- टीवी 9 भारतवर्ष