सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गुजरात सरकार को निर्देश दिया कि वह 2002 के गुजरात दंगों की पीडि़ता बिलकिस बानो को दो सप्ताह के अंदर 50 लाख रुपए का मुआवजा, नौकरी और आवास प्रदान करे। कोर्ट ने अप्रैल में भी गुजरात सरकार से बिलकिस बानो को 50 लाख रुपए का मुआवजा देने को कहा था।
#BilkisBano gangrape: SC declines to review order, directs Gujarat to pay compensation in two weeks https://t.co/hCOTQPrAmj
— Scroll.in (@scroll_in) September 30, 2019
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, गुजरात ने इस आदेश पर पुनर्विचार याचिका दायर की थी, जिसे देश की सर्वोच्च अदालत ने खारिज कर दिया। राज्य सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के सामने सुप्रीम कोर्ट द्वारा अप्रैल के आदेश की समीक्षा करने की मांग की।
#BilkisBano case | In April, the court ordered that the 2002 riots victim be paid ₹50 lakh in compensation, a house and a job https://t.co/QPje5hb8Rj
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इस पर कोर्ट ने कहा कि हम यह साफ करते हैं कि हमारा आदेश विशेष तथ्यों के मद्देनजर था। अब आप उसे दो सप्ताह के भीतर मुआवजा दें। अदालत ने कहा कि हम आपको दो सप्ताह का समय दे रहे हैं।
From SC upholding compensation to Bilkis Bano to Harbhajan backing Suryakumar Yadav for India selection, catch up on the latest headlines on @editorji's afternoon playlist#BilkisBano #HarbhajanSingh pic.twitter.com/elT5ILDVLi
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उल्लेखनीय है कि जब बिलकिस याकूब रसूल के साथ गैंगरेप हुआ था, तब वह 19 साल की गर्भवती थी। दाहोद के पास रंधिकपुर गांव में 3 मार्च 2002 को बिलकिस के साथ मानवता को शर्मसार करने वाली यह घटना घटी थी।
The #SupremeCourt on September 30 ordered the #Gujarat government to pay Rs 50 lakh to #2002communalriot victim #BilkisBano, within two weeks.
Photo: IANS pic.twitter.com/AO7HBEf8b7
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भीड़ ने उनके परिवार पर हमला किया था, जिसमें बिलकिस बानो और उनके दो रिश्तेदार ही बचे, जबकि उनकी मां, बहन, नाबालिग बेटी और अन्य रिश्तेदार मारे गए। शुरुआत में मामले की सुनवाई अहमदाबाद में हुई थी।