देश के वर्तमान हालात पर चर्चा के लिए जमीयत उलेमा हिंद की वर्किंग कमेटी की अहम बैठक हुई। बैठक के अहम मुद्दों में बाबरी मस्जिद, असम नागरिकता और वर्तमान में आए दिन हो रही मॉब लिंचिंग रही।
Tabrez Ansari of Jharkhand is a victim of @Mob_lynching.. pic.twitter.com/Azno5QpdpH
— Wajid Siddiqui (@WajidSiddiqui16) July 2, 2019
बैठक में मौलाना अरशद मदनी ने मॉब लिंचिंग पर अल्पसंख्यक समुदाय विशेषकर मुस्लिम और दलित समुदाय पर हो रहे हमलों पर कहा कि वर्तमान स्थिति विभाजन के समय से भी बद्तर और खतरनाक हो चुकी है और ये संविधान के वर्चस्व को चुनौती एवम न्याय व्यवस्था पर सवालिया निशान हैं।
Please stop mob lynching Nanded rally justic of Tabrez Ansari pic.twitter.com/G1VgHcyzjt
— Soheil Sheikh (@SoheilSheikh5) July 1, 2019
झारखंड वर्तमान भारत में मॉब लिंचिंग की एक शर्मनाक प्रयोगशाला बन चुकी है और अब तक 19 मासूम बेकसूर लोग इसके शिकार हो चुके है जिसमें 11 मुस्लिम समुदाय एवम अन्य दलित समुदाय से सम्बंधित हैं। इससे भी चिंता की बात ये हैं कि सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद मानवता और भाईचारे पर यह दरिंदगी रुकने का नाम नही ले रही हैं जबकि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अपने 17 जुलाई 2018 के आदेश में स्पष्ट कहा है कि कोई भी व्यक्ति अपने हाथ में कानून नही ले सकता और केंद्र सरकार को ऐसी घटनाएं रोकने के लिए संसद में कड़े कानून बनाये लेकिन अभी तक इस तरह की घटनाएं अनवरत हो रही है।
Protest Against Mob Lynching At Maharashtra Vidhansabha.
Justice for #TabrezAnsari #PehluKhan#MobLynching pic.twitter.com/AWrY5AjuZB
— Ex MLA Shaikh Asif (@mlashaikhasif) July 2, 2019
सनद रहे की सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अब तक लगभग 56 लोग मॉब लिंचिंग का शिकार हो चुके हैं लेकिन दुःखद ये है कि अब तक माननीय गृह मंत्री द्वारा राज्यो को इस संबंध में हिदायद देने के बाद भी ऐसी घटनाएं रुक नही रही हैं।
Well done Sanghi Mob Lynchers you have brought disrepute to Bharat by your inhumane actions, which is being mentioned in UNHRC, rightly said by a Sctt Judge it is Lynching of Constitution
PM Modi wants 5 Trillion ECONOMY when Hate is being institutionalised? https://t.co/nEt5999z7L— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 4, 2019
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि जमीयत उलेमा हिन्द इन घटनाओ के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपनी लड़ाई लड़ेगा और झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर चुकी हैं इसके साथ ही हर पीड़ित परिवार के साथ जमीयत मदद के लिए खड़ी हैं। मौलाना ने कश्मीर समस्या पर टिप्पड़ी करते हुए कहा कि कश्मीर समस्या का एक मात्र हल आपसी बातचीत और आपसी भाईचारे को बढ़ावा देना हैं।
तीन तलाक मुद्दे पर जमीयत ने कहा कि भारत के संविधान में दिए गए अधिकारों के तहत मुसलमानो के धार्मिक एवं परिवारिक मामलों में सरकार या संसद को दखल देने का अधिकार नही हैं क्योंकि मजहबी आजादी हमारा बुनियादी हक हैं जिसका जिक्र संविधान की धारा 25 से 28 में दी गई हैं, इसलिए मुसलमान ऐसा कोई भी कानून जिससे शरीयत में हस्तक्षेप होता है स्वीकार नही करेगा।
मौलाना मदनी ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के अलावा 68% तलाक गैर मुस्लिम में होता हैं और 32% तमाम समुदायों में लेकिन सरकार का ये दोहरा रवैया समझ से परे ।
NRC के मुद्दे पर जमीयत ने सुप्रीम कोर्ट में रिट पटीशन दाखिल की है जिसमें नागरिकता साबित करने का वक़्त 15 दिन से बढाकर 30 दिन किया जाए। बाबरी मस्जिद के मुद्दे पर जमीयत ने कहा कि कानून एवं प्रमाण के अनुसार सुप्रीम कोर्ट जो भी निर्णय देगी हम उसको मानेंगे और कोर्ट के निर्णय का सम्मान करेंगे।