देश को प्लास्टिक से मुक्ति दिलाना स्वच्छ भारत अभियान का दूसरा चरण होगा- सरकार

   

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्यावरण की रक्षा के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति की अपील की थी

स्वच्छ भारत अभियान के तहत 10 करोड़ शौचालय बनाने के बाद सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति सरकार का अगला लक्ष्य है। देश को प्लास्टिक से मुक्ति दिलाना स्वच्छ भारत अभियान का दूसरा चरण होगा। पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार हो यह बात कही। उन्होंने कहा कि अगले तीन साल में इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाएगी।

इस साल स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्यावरण की रक्षा के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति की अपील की थी। तब से केंद्र सरकार और कई राज्य सरकारें इस पर लगाम के लिए विभिन्न कदमों का एलान कर चुकी हैं।

जावड़ेकर ने कहा कि जैसे शौचालयों का निर्माण स्वच्छ भारत अभियान का पहला चरण था, उसी तरह प्लास्टिक से मुक्ति इसका दूसरा चरण होगा।

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महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से इस अभियान को शुरू किया गया है और 2022 तक लक्ष्य हासिल करना है। पर्यावरण मंत्रालय पहले ही देश के 500 से ज्यादा राष्ट्रीय पार्को, चिड़ियाघरों और वन्यजीव अभयारण्यों को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त होने का निर्देश दे चुका है।

जावड़ेकर ने कहा कि सरकार सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर लोगों के व्यवहार में बदलाव लाना चाहती है। इसके लिए विभिन्न मंत्रालय एवं सरकारी विभाग इस दिशा में काम कर रहे हैं।

भाजपा ‘प्लास्टिक नहीं, कपड़ा सही’ के स्लोगन के साथ कॉटन बैग बांट रही है। मंत्री ने इस दिशा में कॉरपोरेट सेक्टर की प्रतिक्रिया की भी सराहना की।

उन्होंने कहा, ‘उद्योग जगत विकल्पों पर विचार कर रहा है और अब इसमें गति आएगी क्योंकि लोग भी ऐसा चाहते हैं। हम ठोस कचरा एवं प्लास्टिक कचरा प्रबंधन की दिशा में भी सुधार कर रहे हैं।’

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने फर्जी खबरों (फेक न्यूज) को पेड न्यूज से ज्यादा खतरनाक बताया है। मंत्री ने कहा, ‘फर्जी खबरों को रोकना होगा और यह सभी का काम है।

जो सचमुच खबरों की दुनिया में हैं, उन्हें इससे लड़ना होगा।’ उन्होंने फर्जी खबरों के कारण बच्चा चोरी के संदेह में भीड़ द्वारा कुछ लोगों की जान जाने की घटनाओं का भी जिक्र किया।

जागरण डॉट कॉम के अनुसार, मंत्री ने कहा कि कुछ चैनल ‘वायरल सच’ जैसे कार्यक्रम चलाकर फर्जी खबरों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। प्रिंट मीडिया को भी ऐसा स्थायी कॉलम रखना चाहिए।

जावडेकर ने प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और फिल्मों की भांति ओवर द टॉप (ओटीटी) मंच के लिए भी स्वनियमन की वकालत की। उन्होंने कहा, ‘ओटीटी पर लगातार सिनेमा आ रहा है जिसमें अच्छा, बुरा और बहुत बुरा भी होता है।

ओटीटी मंचों के लिए कोई प्रमाणन संस्था नहीं है। समाचार पोर्टल के लिए भी यही स्थिति है।’ उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी जिसे मीडिया की आजादी प्रभावित हो। ओटीटी मंचों में समाचार पोर्टल, वेब स्ट्रीमिंग साइट जैसे हॉटस्टार, नेटफ्लिक्स और आमेजन प्राइम वीडियो आते हैं।