शंकराचार्य स्वरुपानंद ने राम मंदिर ट्रस्ट पर उठाए सवाल, दिया बड़ा बयान!

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जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने एक बार फिर केंद्र सरकार द्वारा बनाये गए श्रीराम मंदिर जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

 

हरिभूमी पर छपी खबर के अनुसार, शंकराचार्य ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि इस ट्रस्ट में आरोपियों को जगह दी गई है। वही जिन्होंने श्रीराम जन्मभूमि के लिए लड़ाई लड़ी है उनको दरकिनार किया जा रहा है।

 

श्रीराम जन्मभूमि की लड़ाई रक्तरंजित रही है जिसमें हमारे साधू-संत घायल हुये हैं, भाजपा और संघ के लोग नहीं।

 

शंकराचार्य ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि हमारे रामालय ट्रस्ट ने श्रीराम जन्मभूमि के लिए कोर्ट में भी लड़ाई लड़ी है किंतु केंद्र सरकार ने हमें मंदिर से दूर रखा है।

 

जबकि मंदिर बनाने का पहला हक हमारा ही है। शंकराचार्य ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा हिंदुओं को विभाजित करने की कुत्सित योजना बनाई गई है।

 

उसी का कारण है कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र टेस्ट जो बनाया है उसने साधु संतों की अनदेखी की गई है।

 

हम जैसे संत महात्मा जो मंदिर को एक भव्य स्वरूप दे सकते थे उस को दरकिनार किया गया है। यह संघ वाले लोग जो भगवान श्रीराम को भगवान नहीं मानते और उन्हें महापुरुष मानते हैं।

 

वह जो मंदिर बनाएंगे वह मंदिर भगवान श्रीराम का नहीं होगा। एक महापुरुष का बनाया जाएगा।

 

वह पन्नी से निकालकर फाइबर के सिंहासन पर एक महापुरुष को विराजमान करना चाहते हैं। जबकि हम चंदन की लकड़ी मैं सोने की परत चढ़ा कर मंदिर को कंबोडिया देश में निर्मित मंदिर जैसा बनाना चाहते हैं।

 

शंकराचार्य ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि यह ट्रस्ट जो लोग रखे गए हैं वह विश्व हिंदू परिषद आर एस एस के ही लोग हैं। वासुदेवानंद जो कि केंद्र सरकार द्वारा शंकराचार्य बताए जा रहे हैं।

 

आरोपी उनका पद भी हाई कोर्ट द्वारा छीन लिया गया है. ऐसे व्यक्तियों को ट्रस्ट में रखना सरकार की मंशा पर सवाल उठाता हैै। हमने इसके खिलाफ उनको नोटिस जारी किया हैै।

 

शंकराचार्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं आर एस एस प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान को ही बताया जिसमें उन्होंने कहा था कि भगवान श्री राम महापुरुष और महापुरुषों की श्रेणी में ही आते हैं। ऐसे लोगों द्वारा मंदिर का निर्माण कैसे होगा यह विचारणीय है।

 

शंकराचार्य ने बताया कि मंदिर को लेकर उनकी भूमिका एकदम साफ है इसके लिए पूरे देश से साधू संतो का एक समागम 15 मार्च 2020 में किया जा रहा है।

 

परमहंसी गंगा आश्रम स्थित झौतेश्वर में होने वाले इस आयोजन के बाद हम अपनी सरूपरेखा तय करेंगेे।

 

वहीं श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यानंद दास के द्वारा दिग्विजयसिंह के उस बयान को खारिज किया जिसमें कहा था कि ट्रस्ट में भाजपा विहिप और सरकारी अधिकारियों को शामिल किया गया है। जिस पर शंकराचार्य ने दिग्विजयसिंह का समर्थन करते हुए कहा कि जो बोला वो बिल्कुल सही ।