जर्मनी में स्वाइन फ्लू का खतरा बढ़ा!

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जर्मनी के कृषि मंत्री का कहना है कि पूर्वी सीमा के ब्रैंडेनबर्ग राज्य में पाए जाने वाले जंगली सूअर के कटोरे में पोलिश सीमा के पास अफ्रीकी सूअर बुखार का देश में पहला मामला दर्ज किया गया है।

 

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, बताया गया कि अफ्रीकी सूअर बुखार सूअरों के लिए घातक हो सकता है लेकिन मनुष्यों को प्रभावित नहीं करता है।

 

इनके मामलों की पहले कई यूरोपीय देशों में पुष्टि हुई, बड़े पैमाने पर जंगली सूअरों और खेती वाले सूअरों में ज्यादा फैला, जो संपर्क में आने से हुआ।

 

कृषि मंत्री जूलिया क्लोकेर ने गुरुवार को कहा कि अधिकारियों ने जर्मनी में सामने आए ऐसे एक मामलों को लेकर काम करना चालू कर दिया है, वे इस बीमारी से लड़ने को तैयार हैं और बीमारी के संभावित प्रसार को रोकने के लिए उपाय कर रहे हैं।

 

बता दें कि पिछले महीनों सूअरों को लेकर भारत से दुखद खबर आई थी। बताया गया था कि असम में अफ्रीकी सूअर बुखार के कारण 15,000 से अधिक सुअर मारे गए।

 

राज्य के पशुपालन मंत्री अतुल बोरा ने बताया था कि अफ्रीकी स्वाइन बुखार दिनों-दिन बढ़ता जा रहा था। वहीं, उन्होंने कहा था कि सरकार ने सुअर पालनकर्ताओं को राहत देने के लिए राज्य में पोर्क उत्पादों की बिक्री और उपभोग में कुछ छूट देने का फैसला किया था।

 

असम में पहली बार इस साल वर्ष फरवरी में यह बीमारी सामने आई थी। शुरुआत में तो राज्य के छह जिलों डिब्रूगढ़, शिवसागर, जोरहाट, धेमाजी, लखीमपुर और बिश्वनाथ में बीमारी फैलने की बात सामने आई थी लेकिन बाद में यह कई और जिलों में फैल गई थी।

 

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने पशु चिकित्सा एवं वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे सूअरो को इन जानलेवा बीमारी से बचाने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research, ICAR) के राष्ट्रीय सूअर अनुसंधान केंद्र (National Pig Research Centre, NPRC) के साथ मिलकर काम करें।