टैंकों से लगातार हो रही फायरिंग, खंडहर में तब्दील हुए मकान और उठता हुआ धुएं का गुबार… यह दुनिया की पुरानी सभ्यताओं में शुमार उस देश की तस्वीरें हैं जो आतंकवाद की मार से बर्बादी के कगार पर है। नाम है सीरिया जो बीते आठ वर्षों से बमों, मिसाइलों और केमिकल हमलों की मार झेल रहा है।
जागरण डॉट कॉम के अनुसार, सीरिया की आबादी महज एक करोड़ 94 लाख है लेकिन इसमें से पांच लाख से ज्यादा लोग बीते आठ साल से जारी जंग में मारे जा चुके हैं। सीरिया की राजधानी दमिश्क दुनिया का सबसे पुराना शहर है लेकिन आसमान से बरसते बमों ने इसे खंडहरों के शहर में तब्दील कर दिया है। आइये बताते हैं कि सीरिया में इन दिनों क्या चल रहा है और इसके पीछे अमेरिका, रूस समेत दुनिया के बड़े मुल्कों के हित कैसे जुड़े हुए हैं।
सीरिया के इदलिब प्रांत में सेना और आतंकवादियों के बीच लड़ाई अपने चरम पर पहुंच चुकी है। इस लड़ाई में पिछले एक हफ्ते में 100 से ज्यादा लोग मारे गए हैं जबकि सैकड़ों लोग जख्मी हुए हैं। मारे जाने वालों में 26 बच्चे भी शामिल हैं।
सीरिया की सेना यहां जमीन पर कार्रवाई के साथ ही आसमान से भी लगातार बमबारी कर रही है। इस भीषण लड़ाई ने विद्रोहियों की कमर तोड़ दी है।
सीरिया के इदलीब प्रांत के खान शायखुन के प्रमुख गढ़ से विद्रोही समूहों को भागने के लिए मजबूर होना पड़ा है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट के हवाले से बताया कि ऐसा सीरियाई सेना द्वारा घेरे लिए जाने के डर से हुआ है।