तुर्की की सेना ने सीरिया में हमलें का दायरा बढ़ाया!

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सीरिया में तुर्की की सेना ने कारवाई को तेज कर दिया है। हालांकि अमेरिका ने इसका अब कड़ा विरोध किया है और प्रतिबंध लगा दिया है।

सीरियाई सेना उत्तर पूर्वी सीरिया के शहरों और गांवों तक पहुंच गई है और तुर्की ने हमले का दायरा बढ़ा दिया है। इस बीच अमेरिका ने तुर्की से वापस लौटने को कहा है और उस पर नये प्रतिबंध लगा दिए हैं।
अमेरिकी सेना के उत्तर पूर्वी सीरिया में पीछे हटने के बाद तुर्की ने यहां अपना वर्चस्व बनाने के लिए हमले का दायरा बढ़ा दिया है।

इस बीच सीरिया की सेना भी वहां पहुंच गई है और अहम ठिकानों पर मोर्चा जमा लिया है। खासतौर से मनबीज जैसे शहरों में लड़ाई और तेज होने के आसार बढ़ गए हैं।

सीरिया ने 2012 में गृह युद्ध छिड़ने पर इलाके से अपनी सेना वापस बुला ली थी।

आठ साल बाद यहां लौटने का फैसला रूसी समर्थन से मजबूत हुए असद की ताकत बढ़ने का एक संकेत है, वहीं यह कुर्दों को स्वायत्त इलाके में कमजोर भी करेगा। हालांकि सीरिया की सेना कुर्दों के साथ हुए समझौते के बाद ही यहां आई है।

डी डब्ल्यू हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, मौजूदा संकट इस इलाके से अमेरिका के अपनी फौज को वापस बुलाने के फैसले से शुरू हुआ है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय आलोचना झेलने के बाद राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह तुर्की पर नए प्रतिबंध लगा रहे हैं। इसके साथ ही तुर्की के साथ कारोबार पर बातचीत बंद कर दी गई है और स्टील पर शुल्क बढ़ा दिया गया है।

ये कदम तुर्की पर दबाव बनाने के लिए उठाए गए हैं ताकि उसे हमला रोकने के लिए मजबूर किया जा सके। उप राष्ट्रपति माइक पेंस का कहना है कि ट्रंप उन्हें मध्यपूर्व के दौरे पर भेज रहे हैं क्योंकि राष्ट्रपति इलाके में बढ़ी अस्थिरता से चिंतित हैं।

पेंस ने बताया कि ट्रंप ने तुर्की के नेता रेचप तय्यप एर्दोवान से सोमवार को बात की और कहा कि वो तुर्की के सैन्य अभियान को तुरंत रोक दें। उन्होंने यह भी कह कि अमेरिका, “सामान्य रूप से तुर्की के सीरिया में आक्रमण को और ज्यादा सहन नहीं करेगा।

बीते पांच दिनों में तुर्की के सेना और उसके सहयोगी उत्तर के शहरों और गांवो में घुस गए हैं। करीब 200 किलोमीटर के दायरे में उनकी कुर्द लड़ाकों से लड़ाई हुई है। इस अभियान में कम से कम 130,000 लोगों के विस्थापित होने की बात कही जा रही है।