तुर्की हमलों से परेशान कुर्द लड़ाकों ने किया असद सरकार से समझौता!

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तुर्की का हमला झेल हरे सीरियाई कुर्दों ने सीरिया की सरकार से मदद पाने पर समझौते का एलान किया है. सीरिया की सरकारी सेना उत्तरी सीमा की ओर बढ़ रही है. तुर्की की कार्रवाई पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय चिंतित है.

रविवार को अमेरिका ने सीरिया से पूरी तरह जमीनी सेना की वापसी का हुक्म दिया. इसके कुछ ही देर बाद सीरियाई कुर्दों ने समझौते का एलान किया. अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा कि तुर्की आगे बढ़ रहा है ऐसे में अमेरिका ने अपने 1000 सैनिकों को वापस बुलाने का फैसला किया है.

बुधवार को उत्तरी सीमा पर हमले का एलान करने के साथ ही तुर्की ने जमीनी और हवाई हमले तेज कर दिए हैं. इस हमले में सैकड़ों आम नागरिकों और कुर्द लड़ाकों की मौत हुई है. रविवार को इस हमले का फायदा उठाते हुए बड़ी संख्या में इस्लामिक स्टेट के कैदी जेल से भाग गए हैं.

लंबे समय से इस्लामिक स्टेट के खिलाफ जंग में अमेरिका का साथ दे रहे कुर्दों को धोखे का अहसास हो रहा है. इस मुश्किल घड़ी में कुर्द सीरियाई सरकार से हुए समझौते को अहम मान रहे हैं.

कुर्द प्रशासन ने बयान जारी कर कहा है, “इस हमले से बचने और इसका सामना करने के लिए सीरियाई सरकार से एक समझौता हुआ है… ताकि सीरिया की सेना सीरिया तुर्की सीमा पर सीरिआई डेमोक्रैटिक फोर्सेज (एसडीएफ) की मदद के लिए तैनात होगी.” इस बयान से कुछ ही देर पहले सीरिया की सरकारी समाचार एजेंसी समना ने कहा कि सेना उत्तर की तरफ “तुर्की के आक्रमण का सामना” करने के लिए अपने सैनिकों को भेज रही है.

फॉरेन पॉलिसी मैगजीन में छपे एक संपदाकीय में एसडीएफ के प्रमुख मजलुम आबदी ने लिखा है, “अगर हमें समझौतों और अपने लोगों के नरसंहार में किसी एक को चुनना होगा तो निश्चित रूप से हम अपने लोगों की जिंदगी चुनेंगे.”

कुर्द प्रशासन और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चेतावनी दी है कि इस हमले की वजह से एक बड़ा मानवीय संकट पैदा हो सकता है. दसियों हजार लोग पहले ही अपने घर छोड़ कर भाग चले हैं. इसके साथ ही चेतावनी यह भी दी जा रही है कि इस्लामिक स्टेट के लड़ाके इस स्थिति का फायदा उठा सकते हैं.

मानवाधिकार पर नजर रखने वाली सीरियाई एजेंसी का कहना है कि रविवार को कम से कम 26 आम लोगों की मौत हुई है. मरने वालों में साद अहम नाम के एक पत्रकार भी हैं जो कुर्द समाचार एजेंसी एनएचए के लिए काम करते थे. सीरिया की सीमा में 60 आम लोगों के मरने की बात कही जा रही है. जबकि तुर्की ने कुर्दों की गोलाबारी में 18 लोगों के मरने की बात कही है.

साभार- डी डब्ल्यू हिन्दी