तबरेज़ अंसारी मॉब लिंचिंग पर दारुल उलूम देवबंद ने किया यह बड़ा बयान!

   

झारखंड में भीड़ हिंसा के शिकार तबरेज अंसारी की मौत और देश में बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर बड़ी संख्या में मदरसा छात्रों और नगरवासियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। साथ ही केंद्र सरकार से मांग की गई कि मॉब लिंचिंग के दोषियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, तंजीम अब्ना-ए-मदारिस ट्रस्ट के बैनर तले बड़ी संख्या में मदरसा छात्र और मुस्लिम समाज के लोग मोहल्ला खानकाह में पुलिस चौकी के समीप इकट्ठा हुए।

जहां से वह झारखंड में भीड़ हिंसा का शिकार हुए तबरेज अंसारी की मौत और मुल्क में लगातार हो रही मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर प्रदर्शन करते हुए उर्दू गेट पहुंचे।

इस अवसर पर ट्रस्ट के अध्यक्ष मेहंदी हसन ऐनी कासमी ने कहा कि लोकतांत्रिक देश भारत में जय श्रीराम के नारों और गोरक्षा के नाम पर अल्पसंख्यकों को भीड़ द्वारा मौत के घाट उतारा जाना घोर निंदनीय है। झारखंड में तबरेज अंसारी भी इसी नफरत का शिकार हुआ।

सांसद प्रतिनिधि मो. अरसलान व पूर्व विधायक माविया के पुत्र हैदर अली ने कहा कि मुल्क में लगातार बढ़ रहीं मॉब लिंचिंग की वारदातों से भारत दूसरे मुल्कों में बदनाम हो रहा है।

इतना ही नहीं हाल ही में झारखंड में तबरेज अंसारी को धार्मिक घृणा के चलते मौत के घाट उतारे जाना देश के माथे पर बदनुमा दाग है। इसलिए भारत सरकार को चाहिए कि वह तबरेज की मौत के जिम्मेदार और मॉब लिंचिंग की घटनाओं को अंजाम देने वाले आरोपियों को कानून बनाकर फांसी की सजा दे।

इस दौरान जहीन अहमद व चेयरमैन प्रतिनिधि जमाल अंसारी ने भी विचार रखे। इसके उपरांत राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। जिसमें मॉब लिंचिंग से निपटने के लिए सख्त कानून बनाकर भीड़ हिंसा में शामिल लोगों को फांसी या फिर गैर जमानती उम्र कैद की सजा देने, ऐसे मामलों में लापरवाही बरतने वाले अफसरों को तुरंत बर्खास्त करने और इस प्रकार के मामलों की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में किए जाने की मांग की गई।

इसके अलावा मॉब लिंचिंग के शिकार लोगों के परिवार में से दो लोगों को सरकारी नौकरी और 25 लाख रुपए मुआवजा दिए जाने को कानून बनाए जाने की मांग भी रखी गई।

प्रदर्शनकारियों में सुहैल चौधरी, सलीम उस्मानी, सभासद प्रतिनिधि सैय्यद हारिस, फैसल नूर, मौलाना इब्राहीम कासमी, फैसल हमीद, मौलाना महमुदूर्रहमान कासमी, मो. शाहनवाज, अहमद कमाल, दाऊद आदि शामिल रहे।