भारत के सबसे बड़े उद्योग समूह टाटा ग्रुप आज संकटग्रस्त राष्ट्रीय वाहक एयर इंडिया के लिए ‘एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट’ (खरीदने की इच्छा के लिए औपचारिक रूप से पेश किए गए दस्तावेज) दाखिल कर सकता है, यानी कि वह एयर इंडिया को खरीदने के लिए बोली लगाने वाला है।
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, एयर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप एयर एशिया को एक वाहन के रूप में उपयोग करेगा जहां टाटा संस की बड़ी हिस्सेदारी है। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है।
स्पाइसजेट के अजय सिंह भी एयर इंडिया पर नजर गड़ाए हुए हैं, लेकिन स्पाइसजेट ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
Tata Group to file an Expression of Interest for Air India today. Tata group will use Air Asia as a vehicle where Tata Sons has a significant majority stake: Sources pic.twitter.com/bonhekaHJm
— ANI (@ANI) December 14, 2020
गौरतलब है कि जब सरकार ने 2018 में एयर इंडिया के लिए बोली लगवाई थी, उस दौरान कोई भी खरीददार आगे नहीं आया, लेकिन अब इसे खरीदने के लिए कई लोग आए हैं।
उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पिछले साल कहा था कि अगर एयर इंडिया का निजीकरण नहीं किया गया तो इसे बंद करना पड़ सकता है।
पुरी ने रविवार को कहा, यह (एयर इंडिया का डिवेस्टमेंट) एक गोपनीय प्रक्रिया है। संबंधित विभाग (डीआईपीएएम) उचित समय पर टिप्पणी करेगा।
वर्तमान में टाटा संस सिंगापुर एयरलाइंस के साथ मिलकर विस्तारा एयरलाइंस का परिचालन करता है।
ग्रुप ने तय किया है कि वह बजट कैरियर एयर एशिया इंडिया के जरिए एयर इंडिया के रूटों पर संचालन करेगा। वहीं, सिंगापुर एयरलाइंस पहले से ही घाटे में चल रही एयर इंडिया के निजीकरण कार्यक्रम में भाग लेने के लिए उत्सुक नहीं है।
कोरोना वायरस की वजह से यात्रा की मांग में गिरावट के कारण दक्षिण-पूर्व एशियाई कंपनी लाभ बढ़ाने का प्रयास कर रही है। वहीं, एयर इंडिया पर करीब 90 हजार करोड़ रुपये ऋण-सह-देनदारियां हैं।
सूत्रों ने बताया कि एयर एशिया इंडिया को विस्तारा से पहले गठित किया गया था, इसलिए इसके माध्यम से उड्डयन के व्यापार में टाटा समूह को फायदा मिलने वाला है।
हाल ही में, टाटा संस ने एयर एशिया इंडिया में अपनी हिस्सेदारी 51 फीसदी से बढ़ा दी, क्योंकि इसमें मलेशियाई साझेदार ने अपने गृह देश में वित्तीय परेशानियों के कारण संयुक्त उद्यम में नए फंडों को देने में असमर्थता व्यक्त की।
माना जा रहा है कि टाटा ग्रुप इस बोली में आसानी से विजयी होगा।
बता दें कि टाटा ग्रुप ने अक्तूबर 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से एयर इंडिया की शुरुआत की थी। भारत सरकार ने 1953 में एयर इंडिया को अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया।