तेलंगाना में नये सचिवालय पर विवाद: क्या मुस्लिम खफ़ा है?

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हाल ही में सामने आई खबर के मुताबिक तेलंगाना उच्च न्यायालय ने बीते सोमवार को राज्य सचिवालय के भवनों के गिराने पर लगी अस्थायी रोक को 15 जुलाई तक के लिए आगे कर दिया है। 

 

न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, मिली जानकारी के मुताबिक मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति बी विजयसेन रेड्डी की खंडपीठ ने बीते 10 जुलाई को प्रोफेसर पीएल विश्वेश्वर राव और डॉ चेरुकु सुधाकर की एक याचिका पर सुनवाई की है।

 

इस दौरान सुनवाई करते हुए उन्होंने बीते 13 जुलाई तक के लिए रोक लगा दी थी। इसके अलावा पीठ ने सरकार को सभी मुद्दों पर आवश्यक विवरणों के साथ अपना जवाब देने के बारे में भी कहा था।

 

इस मामले में याचिकाकर्ताओं ने यह आरोप लगाया है कि ‘वर्तमान सचिवालय परिसर का विध्वंस कानून की निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना किया जा रहा है।

 

इस परिसर में 10 ब्लॉक हैं। केवल इतना ही नहीं बल्कि याचिकाकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया है कि ‘सरकार का यह कदम निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016, महामारी रोग अधिनियम 1897 और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 सहित अन्य कानूनों के खिलाफ है।

 

इसके अलावा आपको हम यह भी बता दें कि अदालत ने रोक की अवधि बढाते हुए सरकार को विध्वंस पर कैबिनेट का फैसला बंद लिफाफे में दाखिल करने को निर्देश दे दिया है।

 

वहीँ के चंद्रशेखर राव की अगुवाई वाली सरकार ने बीते सात जुलाई को पुराने सचिवालय को गिराने का काम आरम्भ किया था।