कोविड-19 पर तत्काल नियंत्रण नहीं पाया गया तो पूरे देश में यह बेकाबू हो जाएगा-पीएम मोदी

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पीएम मोदी ने राज्यों से कोरोना संक्रमण के फिर बढ़ते मामलों को तत्काल रोकने की जरूरत बताते हुए साफ किया कि यदि तत्काल नियंत्रण नहीं पाया गया तो पूरे देश में यह बेकाबू हो जाएगा।

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, पीएम ने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में खासतौर पर उन 70 जिलों में तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा, जहां इस महीने कोरोना के मामले 150 फीसद से अधिक बढ़े हैं।

इसके साथ ही पीएम मोदी ने तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश में कोरोना की वैक्सीन की बर्बादी पर भी चिंता जताई।

कोरोना संक्रमण के नए पैटर्न के प्रति आगाह करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बार संक्रमण ज्यादातर मझोले और छोटे शहरों में तेजी से फैल रहा है।

जबकि पहले संक्रमण मुख्य तौर पर महानगरों में केंद्रित था और छोटे व मझोले शहर सुरक्षित बचे हुए थे। छोटे और मझोले शहर गांवों के ज्यादा करीब हैं, जिससे इस बार संक्रमण का बढ़ना काफी खतरनाक साबित हो सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत कोरोना से काफी हद तक इसीलिए बचा रहा क्योंकि इसके संक्रमण से हमारे गांव बच गए थे।कोरोना संक्रमण पर तत्काल लगाम के लिए प्रधानमंत्री ने टेस्टिंग, ट्रैकिंग और आइसोलेशन के पुराने फार्मूले को तत्काल और कड़ाई से लागू करने की जरूरत बताई।

खासतौर पर मझोले और छोटे शहरों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को देखते हुए एंबुलेंस और रेफरल प्रणाली को मजबूत करने को कहा।

कुछ राज्यों में बढ़ते पॉजिटिविटी रेट पर चिंता जताते हुए उन्होंने टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत बताई और साथ ही उनमें कम से कम 70 फीसद आरटी-पीसीआर सुनिश्चित करने की सलाह दी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद लोगों की आवाजाही तेजी से बढ़ी है और इस कारण कोरोना के फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। ऐसे में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।

लॉकडाउन जैसी स्थिति दोबारा आने से लोग भयभीत हो सकते हैं, जो सही नहीं होगा। कोरोना संक्रमण से अब डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने राज्यों को कोरोना के संक्रमण वाले इलाकों में माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाकर इसे रोकने की सलाह दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ राज्यों वैक्सीन की डोज की बर्बादी पर भी चिंता जताई।

तेलंगाना में 17.6 फीसद, आंध्र प्रदेश में 11.6 फीसद और उत्तर प्रदेश में 9.4 फीसद वैक्सीन की डोज बर्बाद हो रही है, जबकि राष्ट्रीय औसत 6.4 फीसद है।