महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के मुखपत्र सामना को इंटरव्यू दिया है।
ज़ी न्यज़इ पर छपी खबर के अनुसार, एक इंटरव्यू में उद्धव ठाकरे ने नागरिकता कानून पर नर्म रुख दिखाते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन कानून किसी को देश से बाहर निकालने का कानून नहीं है बल्कि नागरिकता देने का कानून है।
हालांकि NRC को लेकर उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ मुस्लिम बल्कि देश के हिंदू भी प्रभावित होंगे।
बांग्लादेशी और पाकिस्तानी घुसपैठियों को लेकर उन्होंने कहा कि बाला साहब का स्टैंड क्लियर है। इन घुसपैठियों को देश से निकालना चाहिए।
उन्होंने कहा कि घुसपैठिये, घुसपैठिये ही होते हैं। उन्हें ‘पद्म’ पुरस्कारों से सम्मानित नहीं किया जा सकता। मूलरूप से घुसपैठियों को भगाओ, यह नीति बालासाहेब की है।
भाजपा बेवजह इलका श्रेय न ले। उन्हें किसने रोका है? उन्होंने एक अखबार में नोटबंदी पर छपे संपादकीय का जिक्र करते हुए कहा कि नोटबंदी करने के पीछे उस समय एक कारण बताया गया था, वह था नकली नोटों का।
पूरी अर्थव्यवस्था में कितने फीसदी नकली नोट थे? कुछ फीसदी होंगे।
लेकिन उस कुछ फीसदी के लिए आपने पूरे प्रचलित नोटों को कागज का टुकड़ा बना दिया। ठीक उसी तरह कुछ फीसदी घुसपैठियों के लिए पूरे देश को कतार में खड़ा कर रहे हैं।
मुझे ऐसा लगता है कि इस सरकार की एक अजीबो-गरीब नीति है। हमेशा आपको तनाव में रखने की।