पूर्व विदेश राज्य मंत्री ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। जम्मू-कश्मीर की स्थिति में ऐसा कुछ भी नहीं जो किसी भी रूप में उनके देश में रहने और काम करने की स्थिति को प्रभावित करे
दुनिया के हर मंच पर मुंह की खाने के बाद भी पाकिस्तान का कश्मीर मुद्दे पर रोना कम नहीं हुआ है। अगस्त में भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान ऐसा बौखलाया हुआ है कि वो हर वैश्विक मंच पर कश्मीर मुद्दे को उठाने की कोशिश करता है और हर बार उसे मुंहतोड़ जवाब मिलता है।
"#India's internal matters do not spill over its borders and do not impinge upon our neighbours," @ShashiTharoor said.https://t.co/HZb1rzx4sy
— Economic Times (@EconomicTimes) October 14, 2019
भारत की ओर से लगातार उसके झूठ को बेनकाब किया जा रहा है। इस बार तो पाकिस्तान ने हद कर दी, उसने कश्मीर पर झूठ बोलकर अपनी नाकामी छुपाने की कोशिश की। इस बार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने पाकिस्तान को उसके इस झूठ के लिए लताड़ लगाई है।
Tharoor hit out at the chairman of the Pakistan Senate, saying he has referred to an internal matter of India to "unnecessarily politicise the APA assembly".https://t.co/P60ZxaAmeX
— IndiaToday (@IndiaToday) October 13, 2019
शशि थरूर ने रविवार को ब्रेल्ग्रेड में एशियाई संसदीय सभा की बैठक में पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर मुद्दा उठाने पर उसकी आलोचना की। कांग्रेस नेता ने कहा कि भारत के आंतरिक मामले का संदर्भ देकर पाकिस्तान मंच के राजनीतिकरण का प्रयास कर रहा है।
सूत्रों ने कहा कि अंतर संसदीय संघ की वार्षिक बैठक से इतर एशियाई संसदीय सभा में थरूर ने पाकिस्तानी सीनेट के अध्यक्ष के एक पत्र की निंदा की, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान द्वारा दिसंबर 2019 में तय एपीए पूर्ण सत्र की मेजबानी करने में नाकामी के लिए जम्मू-कश्मीर की गतिविधियों को जिम्मेदार बताया।
जागरण डॉट कॉम के अनुसार, थरूर ने पाकिस्तान की सीनेट के अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने भारत के आंतरिक मामले का संदर्भ ‘अनावश्यक रूप से सभा के राजनीतिकरण के लिए किया।’ पूर्व विदेश राज्य मंत्री ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।
जम्मू-कश्मीर की स्थिति में ऐसा कुछ भी नहीं जो किसी भी रूप में उनके देश में रहने और काम करने की स्थिति को प्रभावित करे।’ थरूर ने कहा, ‘भारत के आंतरिक मामले उसकी सीमाओं से बाहर नहीं जाते और पड़ोसियों को प्रभावित नहीं करते।