3 मई तक जारी देशव्यापी लॉकडाउन अब संभावना है कि राज्यवार हो जाए। यानी राज्यों में कोरोना संक्रमण के मुतबिक वहां लाकडाउन को उसी अनुपात में खोलने की अनुमति मिल सकती है। राज्यों को आधिकारिक रूप से इस बात की जिम्मेदारी लेनी पड़ सकती है कि वह लाकडाउन खोलना चाहते हैं या बढ़ाना चाहते हैं। केंद्र सरकार की ओर से हवाई सेवा, रेल सेवा में कुछ शर्तों के साथ जरूर लॉकडाउन बढ़ाया जा सकता है। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक में लॉकडाउन की समीक्षा होगी।
सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से आगे के लिए एक्शन प्लान मांगा गया है। अपने राज्यों में किए जा रहे प्रयासों के साथ उनको यह भी बताना है कि आगे इस स्थिति में क्या किया जाना चाहिए। वैसे अंतिम फैसला 1-2 मई के आसपास की स्थिति को देखते हुए ही लिया जाएगा। वैसे तो लगभग आधा दर्जन राज्यों ने अभी से इस बात के संकेत देना शुरू कर दिया है कि वह लाकडाउन को आगामी दो सप्ताह तक बढ़ाना चाहते हैं। सोमवार की बैठक में उनसे इस मामले में औपचारिक रूप से पूछा जा सकता है।
पिछले दिनों में कुछ राज्यों की ओर से प्रवासियों के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने की भी मांग हुई थी और प्रवासियों को लेकर नीति बनाने की भी मांग की गई थी। गौरतलब है कि केंद्र सरकार इन मुद्दों पर सोच रही है और मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा के बाद इसका खाका बनाया जा सकता है।
वैसे दो राज्य आपसी समन्वय के साथ प्रवासियों के परिवहन पर फैसला ले सकते हैं। लेकिन यह मानकर चलना चाहिए कि सामान्य रूप से वायु सेवा और रेल सेवा या बस सेवा फिलहाल चालू नहीं होगी। संभव है कि टॉस्क फोर्स की ओर से दिए गए सुझावों के अनुसार 3 मई के बाद राज्यों में सीमित बस परिवहन शुरू हो। लेकिन हॉटस्पाट और कंटेनमेंट के बफर जोन में किसी तरह की सेवा शुरू नहीं की जाएगी।