मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी के राम प्रेम को लेकर निशाना साधा है।
न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, उन्होंने कहा है कि राम भक्तों पर गोली चलाने वाले भी अब कह रहे हैं कि राम सबके हैं। वह भाजपा की राम भक्त समर्थक राजनीति को इसका कारण बता रहे हैं।
अयोध्या को टैक्स फ्री शहर बनाने की मनसा प्रदर्शित करने के साथ ही समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने ऐसा दांव खेल दिया है जो भारतीय जनता पार्टी को कटघरे में खड़ा कर रहा है।
उनके इस ऐलान से जहां भाजपा और प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर सवाल खड़े हुए हैं वही भाजपा समर्थित अथवा राम भक्त भावना से ओतप्रोत मतदाताओं की सहानुभूति समाजवादी पार्टी के साथ जुडने की संभावना बढ़ गई है।
यही वह खतरा है जिसे भांपते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है।
उन्हें इस बात का भलीभांति एहसास है कि अगर राम भक्त भावना से जुड़े मतदाताओं के बीच यह बात पहुंची तो वह भाजपा के साथ ही समाजवादी पार्टी के बारे में भी सकारात्मक सोच का निर्माण ना कर लें।
पिछले कई सालों से राम मंदिर और अयोध्या को लेकर बेहद संतुलित बयान दे रहे अखिलेश यादव का राम सबके हैं वाला बयान भाजपा के लिए खतरे की घंटी है।
समाजवादी पार्टी के राजनीतिक बयान के दूरगामी असर को देखते हुए ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मोर्चा संभाला है उन्होंने गोरखपुर में एक कार्यक्रम में कहा कि अब वह लोग भी राम सबके हैं कहने लगे हैं जिन्होंने राम के अस्तित्व पर सवाल उठाए थे।
यही इतना नहीं इन लोगों ने कभी राम भक्तों पर गोली चलवाई थी। अब राम को सबका बता रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे यह साबित होता है कि अयोध्या के आंदोलन में राम भक्तों के साथ भारतीय जनता पार्टी का खड़ा होना राजनीतिक दृष्टि से भी सही कदम था।
उस समय जो राजनीतिक दल राम भक्तों का विरोध कर रहे थे, वह आज राम भक्ति की माला जप रहे हैं।
जो राम को काल्पनिक बताया करते थे, उनके जन्म को लेकर सवाल खड़े करते थे, उन्हें नकार रहे थे, वह अब राम को सबका बता रहे हैं। ईश्वर करे उनकी यह सद्बुद्धि बनी रहे।
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में लोगों को यह याद दिलाने की कोशिश की कि समाजवादी पार्टी का इतिहास दागदार और राम भक्त विरोधी है। वह अपने में जो बदलाव कर रही है वह राजनीतिक स्वार्थ के कारण है।