दिल्ली हिंसा पर पुलिस के काम पर पूर्व DGP ने उठाए सवाल!

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दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्त अजयराज शर्मा का कहना है कि दिल्ली में हिंसा का जो तांडव मचा है, वह शाहीन बाग से ही शुरू हुआ था। वहां पर लोगों को जमा नहीं होने देना चाहिए था।

 

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, पुलिस की एक कंपनी तैनात करते और लोगों को सड़क से हटा देते। उसके बाद चुनाव आ गए। विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से भड़काऊ बयानबाजी होने लगी।

 

जिससे लोगों की भावनाएं भड़क उठीं। दिल्ली पुलिस की इंटेलीजेंस विंग भी शाहीन बाग के विरोध प्रदर्शन का सही अंदाजा नहीं लगा सकी। इसके आगे क्या परिणाम होंगे, ये किस ओर जा रहा है, अगर समय रहते इन बातों पर कुछ विचार कर लिया जाता तो दिल्ली हिंसा को टाला जा सकता था।

 

दिल्ली के पूर्व कमिश्नर और बीएसएफ के पूर्व डीजी अजयराज शर्मा ने शनिवार को एक बातचीत में कहा, कोई भी व्यक्ति जो पुलिस के सामने पिस्तौल निकाल ले, उसे लोगों पर या पुलिस के ऊपर तान दे, तो उसे बिना किसी देरी के गोली मार देनी चाहिए थी।

 

उनका कहना है कि जो शख्स पुलिस को पिस्तौल दिखा सकता है, तो फिर उसी स्थिति में इंतजार नहीं करना चाहिए। मौके पर कार्रवाई बनती है।

 

दिल्ली हिंसा के बारे में उन्होंने कहा, पुलिस ने एक्शन में देरी की है। जिस वक्त दंगे के हालात बन रहे थे, उसी वक्त कार्रवाई करनी चाहिए थी। दिल्ली पुलिस ने यहीं पर गलती की है।

 

उपद्रवियों को तत्काल प्रभाव से गिरफ्तार करना जरूरी था। यहीं से उपद्रवियों को तैयारी का मौका मिल गया। कोई गलत बयानबाजी कर रहा था तो उसे भी पकड़ कर बंद देना चाहिए था। ऐसे मौके पर की गई गलत बयानबाजी लोगों की भावनाएं भड़काएं देती हैं। इन पर रोक लगना बहुत जरूरी है।

 

नए पुलिस आयुक्त को लेकर शर्मा ने कहा, उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी कि उन्हें लोगों का खोया हुआ विश्वास दोबारा से हासिल करना होगा।

 

उन्हें भरोसा दिलाना पड़ेगा कि पुलिस उनकी सुरक्षा के लिए है। पुलिस हर विकट परिस्थिति में उनके साथ है। ये विश्वास बहाली नए पुलिस आयुक्त के लिए बड़ी चुनौती रहेगी।

 

उन्होंने बताया कि मैंने कई लोगों से सुना है कि मुस्लिम बाहुल्य कुछ इलाकों में पुलिस को गश्त नहीं करने दी जाती। ऐसा क्यों होता है, पता नहीं। मैं इतना कह सकता हूं कि मुस्लिम इलाकों में पुलिस को जरूर गश्त करनी चाहिए, चाहे उन्हें ये गश्त जबरन ही क्यों न करनी पड़े। वहां के लोगों को इसके फायदे बताएं।

 

इलाके के लोगों से बात करें। उन्हें अहसास दिलाएं कि हम आपकी सुरक्षा के लिए आए हैं। आपकी मदद के लिए पुलिस सदैव तैयार है। ऐसे तो किसी इलाके में कहां क्या हो रहा है, कोई आपत्तिजनक सामग्री तो जमा नहीं हो रही, ये पता ही नहीं चल पाएगा, इसलिए सभी इलाकों में पुलिस गश्त बहुत जरूरी है।