राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी व जनता दल यूनाइटेड के बीच तीन तलाक बिल पर मतभेद फिर गहराता दिख रहा है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार आज संसद में तीन तलाक का विधेयक पेश करेगी, लेकिन जदयू इसका विरोध करेगा। जेडीयू के अनुसार बीजेपी को इस मुद्दे पर सभी से बात करनी चाहिए थी।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने वर्तमान लोकसभा के पहले सत्र के पहले ही दिन तीन तलाक विधेयक का मसौदा पेश कर इसके प्रति अपनी गंभीरता जाहिर कर दी थी। विधेयक को आज लोकसभा में पेश किया जा रहा है। विधेयक को लेकर बीजेपी ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर दिया है।
लेकिन एनडीए में बीजेपी का सहयोगी दल जेडीयू इसके विरोध में उतर आया है। जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा है कि बीजेपी विधेयक पेश करने के पहले को इस मुद्दे पर सबको बिठाकर बात करनी चाहिए थी।
जागरण डॉट कॉम के अनुसार, एनडीए में अन्य दलों से इस मुद्दे पर आम सहमति बनाने के लिए विमर्श नहीं किया गया। संजय सिंह ने कहा कि हर पार्टी का अपना एजेंडा होता है। जेडीयू और बीजेपी के भी अपने-अपने एजेंडे हैं।
विदित हो कि जेडीयू इस मुद्दे पर अपना यह स्टैंड पहले ही साफ कर चुका है कि वह मौजूदा स्वरूप में इस विधेयक का समर्थन नहीं करेगा। जेडीयू सुप्रीमो व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लॉ कमीशन को पहले बता चुके हैं कि यह संवेदनशील मामला है, जिसपर आम सहमति जरूरी है।
दरअसल, बीजेपी व जेडीयू साथ तो हैं, लेकिन कई बड़े मुद्दों पर दोनों के स्टैंड अलग-अलग हैं। तीन तलाक का मुद्दा इनमें शामिल है। इसके अलावा दोनों दल धारा 370, अनुच्छेद 35 ए, एनआरसी और समान नागरिक संहिता जैसे मुद्दों पर भी अलग-अलग राय रखते हैं