तीन-तलाक़ बिल: रविशंकर प्रसाद और ओवैसी में तीखी बहस!

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मोदी सरकार ने 17वीं लोकसभा के पहले सत्र में शुक्रवार को तीन तलाक के रूप में अपना बिल पेश किया। इसके बाद कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया।

विपक्ष के विरोध के बीच यह बिल 74 के मुकाबले 186 मतों के समर्थन से पेश हुआ। इस दौरान सदन में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी के बीच तीखी बहस हुई।

ओवैसी ने कहा कि सरकार को मुस्लिम महिलाओं से ‘हमदर्दी’ है तो हिंदुओं महिलाओं से क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि यह बिल संविधान विरोधी और आर्टिकल 14, 15 का उल्लंघन है।

उन्होंने कहा कि इस विधेयक के तहत अगर किसी गैर मुस्लिम को केस में डाला जाए तो 1 साल की सजा और मुसलमान को 3 साल सजा देने का प्रावधान है। क्या यह आर्टिकल 14 और 15 का उल्लंघन नहीं है? उन्होंने कहा कि इस बिल से सिर्फ मुस्लिम पुरुषों को सजा मिलेगी। यह विधेयक मुस्लिम महिलाओं के हित में नहीं है, बल्कि उन पर बोझ है।

AIMIM अध्यक्ष ने कहा कि तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ है कि अगर कोई शख्स एक समय में तीन तलाक देता है तो उसकी शादी नहीं टूटेगी। लेकिन इस बिल में जो प्रावधान हैं, उससे साफ है कि तीन तलाक देने पर पति जेल चला जाएगा और उसे 3 साल जेल में रहना होगा। ऐसे में मुस्लिम महिला को गुजारा भत्ता कौन देगा?

साभार- नयूज़18