तीन-तलाक़ बिल: ओमर अब्दुल्लाह और महबूबा मुफ़्ती में आरपार!

   

संसद ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देने की प्रथा पर रोक लगाने के प्रावधान वाले एक ऐतिहासिक विधेयक को मंगलवार को मंजूरी दे दी। विधेयक में तीन तलाक का अपराध सिद्ध होने पर संबंधित पति को तीन साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है।

इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक को राज्यसभा ने 84 के मुकाबले 99 मतों से पारित कर दिया। विपक्ष के कुल 31 सांसदों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। बीएसपी, सपा, एनसीपी और पीडीपी ने बॉयकट किया।

बिल के पास होने के बाद पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ट्विटर पर आपस में ही भिड़ गए। इस विवाद की शुरुआत पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती के एक ट्वीट से हुई।

महबूबा ने एक ट्वीट किया, “तीन तलाक बिल को पास कराने की जरूरत को समझने में नाकाम हूं क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही इसे अवैध करार दिया था। मुस्लिम समुदाय को दंडित करने के लिए अनावश्यक का हस्तक्षेप है।”

महबूबा के ट्वीट का जवाब देते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा, “महबूबा मुफ्ती जी, आप को यह चेक करना चाहिए कि इस ट्वीट से पहले आपके सदस्यों ने कैसे वोट किया। मुझे लगता है कि उन्होंने सदन में अनुपस्थित रहकर सरकार की मदद की क्योंकि बिल पास कराने के लिए उन्हें सदन में नंबर चाहिए थे।”

इस पर अब्दुल्ला ने जवाब देते हुए कहा, “मैडम, अगर 20 साल पुरानी घटना को याद करके आप पीडीपी के छल का बचाव कर सकती हैं तो करिए? इसलिए आप स्वीकार कर रही है कि आपने अपने सांसदों को सदन से गैरहाजिर रहने का निर्देश दिया था और इस गैर-मौजूदगी ने इस बार बीजेपी की मदद की।”