आर्थिक मंदी: ट्रक बनाने वाली कंपनी अशोक लीलैंड की बिक्री में भारी गिरावट!

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ऑटो सेक्टर बुरे दौर से बाहर नहीं निकल पा रहा है। लगभग सभी ऑटोमोबाइल्स कंपनियां की बिक्री पर असर दिख रहा है। अब कमर्शियल व्हीकल की प्रमुख कंपनी अशोक लेलैंड के अगस्त महीने की रिपोर्ट सामने आई है। पिछले महीने कंपनी की बिक्री में 47 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

दरअसल, मंगलवार को चेन्नई में कंपनी की ओर से एक बयान में कहा गया कि उसने अगस्त में कुल 9,231 यूनिट बेचीं, जो 2018 में इसी महीने के दौरान बेची गई 17,386 यूनिटों से कम रहीं।

आज तक पर छपी खबर के अनुसार, कंपनी के माल वाहक-हल्के, मध्यम और भारी ट्रकों की अगस्त में 7,432 यूनिटों की बिक्री हुई, जबकि 2018 के अगस्त में 15,945 यूनिटों की बिक्री हुई थी। दूसरी तरफ, बस की बिक्री बीते महीने 1,799 यूनिटों की हुई, जबकि अगस्त 2018 में 1,441 यूनिटों की बिक्री हुई।

बता दें, संकट से जूझ रहे ऑटोमोबाइल सेक्टर ने मोदी सरकार से GST रेट में फिर कटौती की मांग की है। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बयान जारी का ये मांग रखी. वहीं उद्योग संघ एसोचैम ने इस मांग का समर्थन करते हुए कहा है कि टू-व्हीलर्स पर जीएसटी घटाकर 5 फीसद कर देना चाहिए।

गौरतलब है कि इस साल अगस्त में पिछले साल के मुकाबले पैसेंजर गाड़ियों की बिक्री करीब 30 फीसदी घट गई है। पिछले महीने वित्त मंत्री ने जो राहत का ऐलान किया उसका असर होता नहीं दिख रहा है. लिहाजा अब ऑटो इंडस्ट्री ने जीएसटी रेट को 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी करने की मांग की है।

ऑटो सेक्टर में बिक्री 30 फीसदी से ज्यादा घट गई है. 90 फीसदी फैक्ट्रीज में सिर्फ 50 प्रतिशत प्रोडक्शन हो पा रहा है। हालांकि उम्मीद की जा रही है कि ऑटो सेक्टर को मंदी से उबारने के लिए सरकार पुराने वाहन की स्क्रैप (कबाड़) नीति के तहत टैक्स में छूट का ऐलान कर सकती है।