हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अचानक अफगानिस्तान की यात्रा पर निकल गए। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि यह उनकी कोई आधिकारिक यात्रा नहीं, बल्कि इस यात्रा का मकसद थैंक्सगीविंग छुट्टियां मनाने के लिए है।
न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, एक अमेरिकी राष्ट्रपति का अचानक अफगानिस्तान निकल जाना और अमेरिकी सैनिकों के साथ टाइम सपेंट करना कुछ अटपटा सा नहीं लगा। ट्रंप अफगानिस्तान में करीब साढ़े तीन घंटे रहे। उन्होंने अधिकतर पल अमेरिकी सैनिकों के साथ गुजारे।
उनकी कुशल क्षेम पूछी. उनके साथ डिनर भी किया। दरअसल, ट्रंप अपनी अफगानिस्तान यात्रा की असली वजह बहुत चतुराई से छिपा ले गए। ट्रंप की अफगानिस्तान पहुंचना बेवजह नहीं है। हम आपको बताते हैं इसके पीछे का सच। किन वजहों से राष्ट्रपति ट्रंप छुट्टियां मनाने अफगानिस्तान पहुंच गए।
2सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 2020 में राष्ट्रपति चुनाव हैं। ट्रंप की अब पूरी कसरत और रणनीति इसी चुनाव के मद्देनजर है।
ऐसे में तुर्की और अफगानिस्तान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के लिए बड़ी चुनौती है। अफगानिस्तान में शांति प्रकिया को अंजाम तक पहुंचाना ट्रंप प्रशासन की एक टेढ़ी खीर है।
चुनाव से पहले ट्रंप इस शांति प्रक्रिया को संपन्न करना चाहते हैं, जिससे अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी सुनिश्चित हो सके। यह तभी संभव है जब तालिबान के साथ उनकी शांति वार्ता अंजमा तक पहुंचे।
यहां पर पहले रूस और उसके बाद अमेरिका ने काफी तबाही मचाई। जंहा आलम ये है कि रूस को यहां से मुंह छिपाकर भागना पड़ा था। रूस के जाने के बाद यहां पर तालिबान ने अपने पैर पसारने शुरू किए। इसकी वजह से भी यहां पर अशांति छाई रही।
तालिबान ने यहां पर अपनी सरकार तक बनाई। इसको हटाने के नाम पर अमेरिका ने यहां पर अपनी पैठ बढ़ाई और अब वो भी अपनी वापसी के बहाने तलाश रहा है। जंहा कुल मिलाकर अफगानिस्तान में जो देश आया उसको खोने के अलावा और कुछ हासिल नहीं कर पाया।