इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को इसकी घोषणा की।
बीबीसी के मुताबिक, ट्रम्प, इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और अबू धाबी क्राउन प्रिंस मोहम्मद अल नाहयान ने साझा बयान में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस ऐतिहासिक सफलता से मिडिल ईस्ट में शांति बढ़ेगी।
HUGE breakthrough today! Historic Peace Agreement between our two GREAT friends, Israel and the United Arab Emirates!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) August 13, 2020
भास्कर डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, इस डील के बाद इजरायल ने वेस्ट बैंक इलाके में कब्जा करने की योजना को भी टाल दिया है।
https://youtu.be/kdfZcPxv2GA
वहीं, अब तक इजराइल का खाड़ी के अरब देशों के साथ कोई राजनयिक संबंध नहीं रहा है। हालांकि, खाड़ी के देशों को छोड़कर अरब के दो देश मिस्र और जॉर्डन के साथ इजराइल के राजनयिक संबंध रहे हैं।
हालांकि, इस इलाके में ईरान के क्षेत्रीय प्रभाव को लेकर दोनों देशों की चिंताएं समान हैं। इसके चलते दोनों देशों के बीच अनौपचारिक रूप से संपर्क बना रहा है।
दोनों देशों में दूतावास बनाए जाएंगे
आने वाले हफ्तों में इजरायल और यूएई के प्रतिनिधि मुलाकात करेंगे। साथ ही निवेश, पर्यटन, उड़ानों, सुरक्षा, दूरसंचार, टेक्नोलॉजी, ऊर्जा, हेल्थ, कल्चर, पर्यावरण और दोनों देशों के दूतावासों की स्थापना को लेकर द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
ट्रम्प के लिए अहम राजनीतिक जीत
राष्ट्रपति ट्रम्प ने ट्वीट कर डील की जानकारी दी थी। ट्रम्प ने अपने ऑफिस में रिपोर्ट्स से कहा- वास्तव में यह एक ऐतिहासिक पल है। अब जब बर्फ पिघल गई है तो मुझे उम्मीद है कि ज्यादा अरब और मुस्लिम देश संयुक्त अरब अमीरात की राह पर चलेंगे।
माना जा रहा है कि नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले ट्रम्प की यह एक अहम राजनयिक जीत है।
अलजजीरा के मुताबिक, ट्रम्प, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के बीच गुरुवार को फोन पर हुई बातचीत के बाद यह समझौता हुआ।
डील से क्षेत्र में तनाव कम होगा
अमेरिका में यूएई के राजदूत यूसेफ एल ओतैबा ने एक बयान में कहा कि यह कूटनीतिक रूप से और इस क्षेत्र के लिए जीत है। यह अरब-इजराइल के रिश्तों को नई ऊंचाई देगा। इससे तनाव कम होगा। साथ ही इस सकारात्मक बदलाव को नई ऊर्जा मिलेगी।
आजादी के बाद तीसरा इजरायल-अरब शांति समझौता
इजराइल 1948 में आजाद हुआ, उसके बाद से ये केवल तीसरा इजरायल-अरब शांति समझौता है।
मिस्र ने 1979 में और जॉर्डन ने 1994 में समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। साझा बयान के अनुसार, दोनों देश मध्य पूर्व के लिए रणनीतिक एजेंडा शुरू करने में भी अमेरिका के साथ जुड़ेंगे।