अमेरिकी धमकी ईरान के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है- ट्रम्प

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अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने बुधवार को अपने ट्वीटर हैंडल पर ईरानी राष्ट्रपति के जेसीपीओए की कुछ प्रतिबद्धताओं को दूसरे चरण में कम करने के ईरान के क़दम को ताज़ा धमकी की संज्ञा देते हुए दावा किया कि यह धमकी ख़ुद ईरान के लिए इतनी नुक़सानदेह हो सकती है कि किसी ने अब तक ईरान को इतना नुक़सान नहीं पहुंचाया होगा।

पार्स टुडे के अनुसार, बुधवार को राष्ट्रपति रूहानी ने अमरीका के परमाणु समझौते से एकपक्षीय रूप से निकलने के ग़ैर क़ानूनी क़दम के आर्थिक दुष्प्रभाव की क्षतिपूर्ति के योरोप के वादे के पूरा न होने की ओर इशारा करते हुए बल दिया कि ईरान 7 जुलाई को, जो योरोप को 60 दिन की दी गयी मोहलत के ख़त्म होने का समय है, जितने स्तर के युरेनियम संवर्धन की ज़रूरत होगी उतने स्तर का युरेनियम संवर्धित करेगा।

इस्लामी गणतंत्र ईरान ने 8 मई 2019 को अमरीका के परमाणु समझौते से एकपक्षीय रूप से निकलने के 1 साल बाद और इस समझौते से अमरीका के निकलने के आर्थिक दुष्प्रभाव की क्षतिपूर्ति के लिए योरोप की ओर से पेश हुए उपाय की अनुपयोगिता के बाद, कहा है कि वह जेसीपीओए के 26वें और 36वें अनुच्छेद के तहत अपनी कुछ प्रतिबद्धताओं को स्थगित कर रहा है।

ईरान ने परमाणु समझौते में बाक़ी बचे हुए पक्षों को बैंकिंग और तेल के क्षेत्र में अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए 60 दिन का वक़्त दिया है और ऐसा न होने पर वह जेसीपीओए के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं को कम करने के लिए क़दम उठाएगा।

ईरान ने 3.67 प्रतिशत संवर्धित युरेनियम के उत्पादन को 300 किलोग्राम तक सीमित न रखने के फ़ैसले को सोमवार को व्यवहारिक किया। ईरान के इस क़दम पर ट्रम्प ने दावा किया था कि ईरान आग से खेल रहा है।

जेसीपीओए के 26वें और 36वें अनुच्छेद के अनुसार, अगर सामने वाला पक्ष इस समझौते के प्रति पाबंद नहीं रहता है तो ईरान को यह अधिकार हासिल है कि वह अपनी प्रतिबद्धताओं को पूर्ण या आंशिक रूप से स्थगित कर सकता है।