कोरोना वैक्सीन निर्माण की कमान ट्रम्प ने मुस्लिम वैज्ञानिक को सौंपी

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अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को मोरक्कन मूल के मशहूर वायरोलोजी वैज्ञानिक मुनसिफ़ अलसलावी को कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार करने और वितरण की ज़िम्मेदारी सौंपी है।

जिस शोध टीम की अध्यक्षता मुनसिफ़ अलसलावी करेंगे उसमें पेंटागोन के वरिष्ठ अधिकारी गोस्टाव बेरना भी शामिल होंगे जिसका मक़सद कोरोना वायरस का वैक्सीन जल्द से जल्द तैयार करने की प्रक्रिया में स्वास्थ्य मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के बीच समन्वय बनाना है।

रिक ब्राइट को पद से हटाने के बाद ट्रम्प प्रशासन ने मुनसिफ़ सलावी को यह ओहदा दिया है। ब्राइट ने हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा को कोविड-19 के बीमारों पर प्रयोग करने के ट्रम्प के सुझाव का विरोध किया था जिसकी वजह से उन्हें ट्रम्प ने पद से हटा दिया था।

इसके बाद ट्रम्प प्रशासन ने कोरोना वायरस के वैक्सीन पर काम करने वाली सरकारी संस्था के लिए अत्यधिक सक्षम वैज्ञानिक की खोज शुरू कर दी थी और इसके लिए एसा व्यक्ति चाहिए था जो स्वास्थ्य विज्ञान के साथ ही मैनेजमेंट में भी दक्षता रखता हो। इस तरह डाक्टर मुनसिफ़ अलसलावी का चयन किया गया जो वायरोलोजी के वैज्ञानिक हैं और वैक्सीन पर काम करने वाली कई संस्थाओं के मैनेजिंग बोर्ड के सदस्य हैं।

अलसलावी अमरीका में रहते हैं, इससे पहले वह ग्लास्को स्मिथ क्लाइन कंपनी में वैक्सीन विभाग के प्रमुख रह चुके हैं। अलसलावी की नियुक्ति को देखते हुए विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रम्प बहुत कम समय में कोरोना वायरस का वैक्सीन तैयार करवा लेने की कोशिश में हैं।

अलसलावी का जन्म मोरक्को के अग़ादीर शहर में हुआ। वह 17 साल की उम्र में शिक्षा के लिए बेल्जियम चले गए वहां उन्होंने बायोलोजी में डाक्ट्रेट किया। इसके बाद अलसलावी ने मैसाचूसेट्स की हार्वर्ड युनिवर्सिटी और टाफ़्ट्स युनिवर्सिटी में रहते हुए अपनी शिक्षा और अपना शोध पूरा किया।