सीरिया में सैनिक कार्रवाई को जल्द बंद करने के लिए ट्रम्प ने एर्दोगन से फोन पर बातचीत की है। सीरिया में तुर्की की फौजी कार्रवाई से तबाही मचा हुआ है
उत्तरी सीरिया में तुर्की के सैन्य अभियान पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। तुर्की पर प्रतिबंध लगाते हुए उन्होंने इस पश्चिम एशियाई देश को तुरंत संघर्ष विराम करने को कहा है।
अमेरिका ने करीब 100 मिलियन डॉलर के कारोबार पर हो रही बातचीत को रद्द किया
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘हम तुर्की के साथ 100 अरब डॉलर के कारोबार समझौते पर चल रही बातचीत रोक रहे हैं। स्टील पर 50 फीसद शुल्क बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा तुर्की के रक्षा और ऊर्जा मंत्रियों के अलावा तीन वरिष्ठ अधिकारियों पर भी प्रतिबंध लगा रहे हैं।
Statement from President Donald J. Trump Regarding Turkey’s Actions in Northeast Syria pic.twitter.com/ZCQC7nzmME
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) October 14, 2019
तुर्की के नेतृत्व ने खतरनाक और तबाही वाले रास्ते पर चलना बंद नहीं किया तो मैं इस मुल्क की अर्थव्यवस्था को तबाह करने के लिए पूरी तरह तैयार हूं। तुर्की के सैन्य अभियान से नागरिकों के साथ ही क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता को खतरा उत्पन्न हो गया है।’
सीरिया में फौजी कारवाई को लेकर अमेरिका ने तुर्की पर हल्का प्रतिबंधों लगाया है
अमेरिका के उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने बताया कि ट्रंप ने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोगन से फोन पर बात की और उत्तरी सीरिया में सैन्य अभियान रोकने को कहा।
Vice President Pence says President Trump spoke to President Erdogan today. Says the US wants Turkey to stop the invasion and begin an immediate cease fire. pic.twitter.com/hnOTG48cfY
— Eamon Javers (@EamonJavers) October 14, 2019
जागरण डॉट कॉम के अनुसार, उन्होंने एर्दोगन से साफ शब्दों में कहा कि अमेरिका चाहता है कि तुर्की तुरंत संघर्ष विराम कर कुर्द बलों के साथ बातचीत करे। ट्रंप ने यह आदेश भी दिया है कि पेंस और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओब्रायन के नेतृत्व में एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल तुर्की जाए और वार्ता की प्रक्रिया तत्काल शुरू की जाए।
अमेरिकी फौजों की हो रही है वापसी
अमेरिका युद्ध प्रभावित सीरिया में तैनात अपने करीब एक हजार सैनिकों को आगामी कुछ हफ्तों में वापस बुला लेगा। इस सैनिकों की वापसी उत्तरी सीरिया में कुर्द बलों पर तुर्की के सैन्य अभियान के बीच होने जा रही है।
ट्रंप ने पिछले हफ्ते सीरिया से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने का एलान किया था। उनके इस फैसले की विपक्षी रिपब्लिकन सांसदों ने तीखी आलोचना की थी।
उन्होंने कहा था कि यह कुर्दो के साथ विश्वासघात है। वे सीरिया में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका के मुख्य सहयोगी थे। इससे अमेरिकी विश्वसनीयता कमजोर होगी।