गोलान हाइट्स: संयुक्त राष्ट्र के सभी मेंबर्स ट्रम्प के फैसले और इजराइल के खिलाफ़!

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सीरिया के अतिग्रहित गोलान काइट्स इलाक़े पर इस्राईल की संप्रभुता को मान्यता देने के अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प के हालिया क़दम की समीक्षा में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बुधवार को बैठक हुयी। यह बैठक फ़्रांस के निवेदन पर हुयी जिसमें अमरीका और ज़ायोनी शासन अलग थलग पड़ गए।

इस बैठक में संयुक्त राष्ट्र संघ में रूस के उपप्रतिनिधि व्लादमीर सैफ़्रोन्कोफ़ ने बल दिया कि गोलान हाइट्स के बारे में ट्रम्प का क़दम अंतर्राष्ट्रीय क़ानून और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन है। उन्होंने गोलान को सीरिया का अभिन्न अंग बताते हुए साफ़ तौर पर कहा कि अमरीका अपने इस एकपक्षीय क़दम में नाकाम होकर रहेगा।

संयुक्त राष्ट्र संघ में कुवैत के स्थायी प्रतिनिधि मंसूर अयाद अलउतैबी ने सुरक्षा परिषद की इस आपात बैठक में, गोलान हाइट्स को सीरिया का भाग बताते हुए कि जिसका इस्राईल ने अतिग्रहण कर रखा है, कहा कि अरब भूमि पर इस्राईल का अतिग्रहण क्षेत्र सहित पूरी दुनिया की शांति व सुरक्षा के लिए ख़तरा है।

इस बैठक में चीन के प्रतिनिधि ने साफ़ तौर पर कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रस्तावों में बल दिया गया है कि गोलान हाइट्स सीरिया का इलाक़ा है और चीन इस हालत में बदलाव को ख़ारिज करता है।

इस बैठक में ब्रिटेन के प्रतिनिधि ने भी गोलान हाइट्स को इस्राईल द्वारा अतिग्रहित किया गया इलाक़ा बताते हुए साफ़ तौर पर कहा कि अतिग्रहित गोलान हाइट्स के बारे में लंदन की नीति नहीं बदलेगी।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव की राजनैतिक सलाहकार रोज़मेरी डीकार्लो ने भी गोलान हाइट्स के बारे में सुरक्षा परिषद की इस आपात बैठक में कहा कि सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव ही गोलान हाइट्स की संप्रभुता का आधार हैं। इस बैठक में फ़्रांस के प्रतिनिधि ने सीरिया के गोलान हाइट्स इलाक़े पर इस्राईल की संप्रभुता को मान्यता देने के ट्रम्प के क़दम की निंदा करते हुए कहा कि इस क़दम से क्षेत्र में शांति क़ायम करने की संयुक्त कोशिश को धच्का लगेगा।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र संघ में सीरिया के स्थायी प्रतिनिधि बश्शार जाफ़री ने कहा कि सीरिया में जंग का मुख्य लक्ष्य अरबी भूमि पर इस्राईल के अतिग्रहण को मान्यता देना व अतिग्रहण को स्थायी करना है, जिसकी, ट्रम्प के गोलान हाइट्स के बारे में हालिया क़दम से पुष्टि होती है।

उन्होंने कहा कि अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प का सीरिया के गोलान हाइट्स इलाक़े पर इस्राईल की संप्रभुता को मान्यता देना उस आपराधिक योजना का हिस्सा है जिसका लक्ष्य क्षेत्र में तबाही और अस्त व्यस्तता को लंबा खींचना है।

ट्रम्प ने सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय क़ानून व संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का खुला उल्लंघन करते हुए एक आदेश पर दस्तख़त किए जिसमें सीरिया के अतिग्रहित गोलान हाइट्स इलाक़े पर ज़ायोनी शासन के अवैध क़ब्ज़े को मान्यता दी गयी है। ट्रम्प ने इस आदेश पर, वॉशिंग्टन में ज़ायोनी प्रधान मंत्री बिनयामिन नेतनयाहू की मौजूदगी में दस्तख़त किए। ट्रम्प के इस क़दम की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निंदा हो रही है।

ज़ायोनी शासन ने 1967 में सीरिया के गोलान हाइट्स क्षेत्र के लगभग 2000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल का अतिग्रहण कर लिया और फिर कुछ समय बाद उसे अतिग्रहित क्षेत्र की भूमि में शामिल कर लिय।

इस्राईल के इस क़दम को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने कभी भी मान्यत नहीं दी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी गोलान हाइट्स को अतिग्रहित इलाक़ा माना है फिर भी अमरीकी सरकार, ज़ायोनी शासन के अतिग्रहण का समर्थन कर रही है।