कोविड-19: तेलंगाना में 79 नये मामलें सामने आएं!

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कोरोना ने एक बार फिर तेलंगाना में अपना विकराल रूप लिया है। पिछले 24 घंटे में प्रदेश में 79 नये मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सोमवार रात को जारी बुलेटिन में यह जानकारी दी गई है।

 

साक्षी डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, बुलेटिन के अनुसार तेलंगाना में अब तक कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ कर 1275 हो गई हैं। सोमवार को 50 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। इस तरह अब तक प्रदेश में 801 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई हैं।

 

इस समय प्रदेश में 444 मामले सक्रिय हैं। प्रदेश में अब तक 30 मरीजों की मौत हो गई हैं। 24 घंटे में दर्ज हुए सभी मामले जीएमसीएच में हुए हैं। इसके चलते लोगों में भय व्याप्त हो गया है।

 

ट्रेन पर आपत्ति

 

दूसरी ओर सीएम केसीआर ने देश में ट्रेन चलाने के केंद्र के फैसले पर आपत्ति जताई हैं। क्योंकि केसीआर का मानना है कि ट्रेन चलाने से कोरोना के मामले और बढ़ सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस के नियंत्रण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश में अभी से पैसेंजर ट्रेनें नहीं चलाने की अपील की है। 17 मई को लॉकडाउन की अविध खत्म होने के मद्देनजर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंस की।

 

वीडियो कांफ्रेंस में सीएम केसीआर ने प्रधानमंत्री के सामने मुख्य रूप से तीन मुद्दों पर प्रकाश डाला। उन्होंने पीएम से मौजूदा परिस्थिति में रेल सेवा बहाल नहीं करने की अपील की।

 

देश में दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु सहित अनेक शहरों में कोरोना का प्रभाव अधिक होने का हवाला देते हुए सीएम ने कहा कि पैसेंजर ट्रेन चलाने से कोरोना के और उग्र होने का खतरा है।

 

प्रवासी मजदरों को अपने-अपने गृहराज्य जाने की अनुमति देने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि इन सब प्रवासी मजदूरों का टेस्ट करना संभव नहीं है और उन्हें क्वारंटाइन के लिए भेजना भी मुश्किल भरा काम है। बैठक में उपस्थित तमिलनाडु के सीएम ने भी यही राय व्यक्त की।

 

केसीआर ने उम्मीद जताई कि जुलई या अगस्त के महीने में कोरोना का वैक्सिन आने की संभावना है और कहा कि वैक्सिन हैदराबाद से आने की पूरी संभावना है।

 

उन्होंने पीएम से कर्ज को रिशेड्यूल करने और एफआरबीएम का दायरा बढ़ाने की अपील की।

 

कोरोना की वजह से अर्थव्यवस्था के चरमराने और राज्यों को आय नहीं मिलने के कारण वे कर्ज चुकाने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को सभी राज्यों के ऋष रिशेड्यूल करने की दिशा में पहल करनी चाहिए।