दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी ने केंद्र के तीन कृषि सुधार कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों से अपील की है कि वे अपने प्रदर्शन का मंच देशविरोधी तत्वों को इस्तेमाल न करने दें।
तरुण मित्र पर छपी खबर के अनुसार, उन्होंने कहा कि कुछ मुट्ठीभर लोग किसान आंदोलन के जरिए ‘शाहीनबाग’ का प्रयोग दुहराना चाहते हैं।
उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि किसानों के प्रदर्शन में खालिस्तान जिंदाबाद के नारे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धमकी के बीच आम आदमी पार्टी (आप), कांग्रेस और शाहीनबाग की ‘दादी’ जैसे लोगों का शामिल होना इस बात के पुख्ता प्रमाण हैं।
उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आलोचना करते हुए कहा कि इस प्रदर्शन में आम आदमी पार्टी का शामिल होना केजरीवाल और उनकी सरकार का दोहरा चरित्र उजागर करता है।
सांसद तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार का कृषि सुधार कानून किसानों एवं व्यापारियों के बीच बिचौलियों को हटाने का एक प्रयास है। इससे आने वाले दिनों में किसानों को कई प्रकार के लाभ प्राप्त होंगे।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपना काम कर रही है। सीमा पर जवान और खेत-खलिहान में किसान देश की एकता एवं अखंडता की रीढ़ हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि देश का किसान इस हकीकत को समझेगा और इन टुकड़े-टुकड़े गैंग के मंसूबों को नाकाम करेगा।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल दिसम्बर में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में कुछ मुट्ठीभर लोगों ने दिल्ली के शाहीनबाग में केंद्र सरकार के खिलाफ तीन महीने से अधिक समय तक प्रदर्शन किया था।
इसी बीच मार्च, 2020 में कोरोना महामारी की रोकथाम को लेकर लागू किए गए एहतियाती प्रोटोकॉल के बाद पुलिस ने प्रदर्शन स्थल शाहीनबाग को खाली करवाया था।