शरणार्थियों को लेकर एर्दोगन के तेवर से यूरोपीय संघ में हड़कंप!

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जब से तुर्की ने यूरोपीय संघ से लगी अपनी सीमा खोली है तुर्की और यूरोपीय संघ के रिश्ते अच्छे नहीं हैं। यूरोपीय संघ का कहना है कि वह तुर्की के दबाव में नहीं आएगा। क्या एर्दोवान के ब्रसेल्स दैरे पर मतभेद कम होंगे?

 

डी डब्ल्यू हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, तुर्की और यूरोपीय संघ के बीच शरणार्थी समझौते पर चल रहे विवाद में अब दोनों ही पक्ष तनाव कम करने का नया प्रयास कर रहे हैं।

 

तुर्क राष्ट्रपति एर्दोवान सोमवार को ब्रसेल्स में यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला फॉन डेय लाएन और यूरोपीय मंत्रिपरिषद के प्रमुख चार्ल्स मिशेल से मिल रहे हैं।

 

यूरोपीय संघ के नेताओं की कोशिश होगी कि तुर्की 2016 में हुए समझौते पर अमल करे तो तुर्की की मांग है कि यूरोपीय संघ उसे और वित्तीय मदद दे।

 

2015 के शरणार्थी संकट के बाद ईयू ने तुर्की से समझौता किया था कि वह शरणार्थियों को यूरोप में घुसने से रोके और इसके बदले उसे अरबों यूरो की मदद देने की बात थी।

 

इस बीच सीरिया पर बढ़ते विवाद के बीच तुर्क राष्ट्रपति ने 29 फरवरी को यूरोप जाने वाले शरणार्थियों के लिए अपनी सीमा खोलने की घोषणा कर दी।

 

तब से दोनों पक्षों के रिश्ते खराब हो गए हैं। यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने एर्दोवान पर कई बार ब्लैकमेल की कोशिश करने और इसके लिए शरणार्थियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।

 

साथ ही कुछ देशों ने शरणार्थियों की देखरेख में तुर्की की मदद करने के भी संकेत दिए हैं, लेकिन इस शर्त पर कि तुर्की पिछले समझौते का पालन करता रहे। चार्ल्स मिशेल पिछले हफ्ते अंकारा गए थे और वहां उन्होंने एर्दोवान से बातचीत की थी।

 

यूरोपीय नेताओं से एर्दोवान की मुलाकात से पहले ही ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल से मिल रहे हैं।

 

मित्सोताकिस ने सख्त रवैया अपनाया है और सीमा को सील कर दिया है ताकि तुर्की से नए शरणार्थी ग्रीस के रास्ते यूरोप में प्रवेश नहीं कर सकें।

 

जर्मन विदेश मंत्री हाइको मास ने तुर्की को मदद का संकेत देते हुए कहा है, “यदि शरणार्थियों की मानवीय मदद में कहीं वित्तीय कमी होगी, चाहे तुर्की में, इदलीब में, जटर्डन में या लेबनान में, हम बातचीत करने से कभी मना नहीं करेंगे।

 

हाइको मास ने कहा कि परेशान लोगों को राजनैतिक बंधक के रूप में इस्तेमाल किए जाने को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

 

साभार- dw हिन्दी