ट्विटर ने मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद के ट्वीट को डिलीट किया!

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सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म ट्विटर ने गुरुवार को मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद के ट्वीट को हटा दिया, जिसमें नीस में हिंसक चाकू के हमले को सही ठहराया गया था। इस हमले में 3 लोग मारे गए थे।

 

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने फ्रांस और मुस्लिम जगत के विवाद में घिर गए और एक विवादित बयान देते हुए कहा था कि मुसलमानों को गुस्सा करने और ‘लाखों फ्रांसीसी लोगों को मारने’ का अधिकार है।

 

 

औपनिवेशिक समय के एक स्पष्ट संदर्भ में मोहम्मद ने अतीत के ‘नरसंहारों’ का उल्लेख करके इस अधिकार को सही ठहराया था।

 

 

डिजिटल क्षेत्र के लिए फ्रांस के सचिव सेड्रिक ओ ने भी पोस्ट की निंदा की और ट्विटर पर पूर्व मलेशियाई प्रधान मंत्री के खाते को निलंबित करने का आग्रह किया।

 

ओ ने बताया था कि मैंने ट्विटर के फ्रांस के प्रबंध निदेशक से बात की है। मलेशिया के पूर्व पीएम महाति‍र मोहम्मद का खाता तत्काल निलंबित किया जाना चाहिए। यदि नहीं, तो ट्विटर हत्या के लिए औपचारिक रूप से सहयोगी होगा।

 

ट्विटर ने पहले ट्वीट को एक डिस्क्लेमर के साथ लेबल किया था जिसमें कहा गया था कि पोस्टिंग ने अपने नियमों का उल्लंघन किया है लेकिन इसे छोड़ दिया जा रहा है क्योंकि यह सार्वजनिक हित में था।

 

नेटवर्किंग साइट ने बाद में ट्वीट को पूरी तरह से हटा दिया, लेकिन ट्विटर के शेष हिस्से को बरकरार रखा।

 

बता दें कि गुरुवार को महाथिर मोहम्मद ने अपने निजी ट्विटर हैंडल से 13 ट्वीट्स की एक श्रृंखला पोस्ट की और पश्चिमी देशों में महिलाओं के कपड़ों, पश्चिम के अपने ‘धर्म’ के पालन, अन्य चीजों के बीच लैंगिक समानता और फ्रांसीसी राष्ट्रपति के बारे में मुद्दों पर अपनी राय दी थी।

 

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन को ‘सभ्य’ नहीं होने और मुसलमानों और इस्लाम धर्म को नीचा दिखाने का आरोप लगाया था।

 

 

मोहम्मद के ट्वीट उस दिन आए हैं जब एक हमलावर ने फ्रांस के नीस शहर में एक महिला सहित कम से कम तीन लोगों की हत्या कर दी। हमले करते वक्त हमलावर मजहबी नारों का इस्तेमाल कर रहा था। घटना को ‘आतंकवादी’ हमले के रूप में बताया गया है।

 

बता दें कि मोहम्मद इस साल फरवरी तक मलेशिया के प्रधानमंत्री थे। उन्होंने सितंबर 2019 में अपने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) संबोधन में कश्मीर में भारत को ‘आक्रमणकारी और कब्जा करने वाला’ कहा था।

 

इसके जवाब में भारत ने मलेशिया का आर्थिक बहिष्कार शुरू कर दिया था। विशेष रूप से भारत ने मलेशिया से पाम ऑयल का बहिष्कार कर दिया था। जिसके चलते मलेशिया पर भारी बोझ बड़ गया था।