अमित मालवीय पर ट्विटर ने वीडियो से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया!

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कृषि कानूनों के खिलाफ सात दिनों से किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन अनियंत्रित न हो, इसे लेकर उन जगहों पर पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं।

 

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, इस बीच भारतीय जनता पार्टी के आइटी प्रमुख अमित मालवीय ने एक वीडियो ट्वीट किया, जिसपर ट्विटर ने मैनिपुलेटेड मीडिया का टैग लगा दिया है।

 

ऐसा मामला भारत में पहली बार आया है, हालांकि अमेरिका व अन्‍य देशों में ट्विटर ने कई ऐसे यूजर्स के ट्वीट पर सवाल उठाया है।

 

इसी साल फरवरी में ट्विटर ने ऐलान किया था कि भारत में भी अब इसने ट्वीट को मैनिपुलेटेड मीडिया की अपनी पॉलिसी के तहत चिन्‍हित करना शुरू कर दिया है। जानें, आखिर क्‍या है मैनिपुलेटेड मीडिया और किस आधार पर किया जाता है चिन्‍हित-

 

जिस इमेज या वीडियो को मैनिपुलेटेड मीडिया करार दिया जाता है, उसके नीचे एक लेबल लगा दिया जाता है कि यदि आप उसपर क्‍लिक करेंगे तो इस बारे में विस्‍तार से जानकारी मिल जाएगी।

 

ट्विटर की चेतावनी के अनुसार, आप वैसे मीडिया कंटेंट को शेयर नहीं कर सकते हैं, जो किसी तरह का भ्रम पैदा करता हो और इससे नुकसान की संभावना हो।

 

ट्विटर की पैनी निगाह हर पोस्‍ट पर होती है, जो शेयर की जाए, लिखी जाए या फिर लिखकर डिलीट क्‍यों न की जाए। माइक्रोब्‍लॉगिंग प्‍लेटफार्म उस ट्वीट को हालात से जोड़कर देखता है।

 

ट्विटर के अनुसार, पोस्‍ट की गई मीडिया के संवेदनशीलता के साथ इसके कारण लोगों के बीच भ्रम फैलने की संभावना को लेकर भी गंभीरता बरती जाती है।

 

साथ ही यह भी देखा जाता है कि इसका इस्‍तेमाल किस संदर्भ में किया गया है।

 

इसके अलावा जो ट्वीट फोटोशॉप किए गए मीडिया को शेयर करते हैं, उनसे होने वाले नुकसान और दुष्‍प्रभावों पर विचार किया जाता है कि इससे किसी समूह या व्‍यक्‍ति को क्षति तो नहीं होगी या फिर हिंसा की संभावना बन रही हो या फिर किसी की प्राइवेसी में सेंध लगाई जा रही हो।

 

 

ऐसे ट्वीट पर मैनिपुलेटेड मीडिया के लेबल के साथ ही इसे लाइक और रीट्वीट करने वाले यूजर्स के लिए एक वार्निंग यानि चेतावनी का मैसेज भी प्रदर्शित किया जाता है।

 

इससे ट्वीट की विजिबिलीटी भी कम हो जाती है और रिकमेंड होने की प्रक्रिया भी रुक जाती है।

 

अमित मालवीय ने राहुल गांधी के एक ट्वीट का हवाला देते हुए एक वीडियो अपलोड किया ओर इसे प्रोपेगैंडा बताया, जिसे ट्विटर ने फ्लैग मार्क कर ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ बताया है।

 

दरअसल, किसानों के आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया पर कई तस्‍वीरें वायरल हो रही हैं, उनमें से एक तस्‍वीर में बुजुर्ग किसान को डंडे के साथ पुलिसवाला दिखाया गया है।

 

उन्‍होंने इस वीडियो के जरिए राहुल गांधी पर निशाना साधा था, क्‍योंकि कुछ दिनों पहले ही राहुल ने इस तस्‍वीर को शेयर कर लिखा था, ‘बड़ी ही दुखद फ़ोटो है।

 

हमारा नारा तो ‘जय जवान जय किसान’ का था, लेकिन आज PM मोदी के अहंकार ने जवान को किसान के ख़िलाफ़ खड़ा कर दिया। यह बहुत ख़तरनाक है।’