यमन की ज़ंग: साथ देने के बजाए अब सऊदी अरब के खिलाफ़ लड़ेगी यूएई की सेना!

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गृहयुद्ध में फंसे यमन की लड़ाई में एक और मोर्चा खुलने की आशंका उठ गई है. अब तक गठबंधन में शामिल हो कर हूथी विद्रोहियों का सामना कर रहे सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात समर्थित गुट अब आमने सामने आ रहे हैं.

हूथी विद्रोहियों से लड़ रहे सऊदी अरब के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना में संयुक्त अरब अमीरात के सैनिक बड़ी संख्या में हैं लेकिन अब उसने अपने सैनिकों की वापसी शुरू कर दी है. समस्या इतनी भर नहीं है, यूएई समर्थित गुट यमन की सरकार के सामने चुनौती पेश कर रहा है.

यमन में संघर्षरत सरकार के गृह मंत्री ने दक्षिणी अलगाववादी नेता पर “बगावत भड़काने” का आरोप लगाया है. ये अलगाववादी ताकतें यमन की सेना से अदन में राष्ट्रपति के महल के पास लड़ रही है. इसके साथ ही यह चिंता भी पैदा हो गई है कि क्या पहले से ही गृहयुद्ध झेल रहे यमन में एक नया मोर्चा खुलने जा रहा है.

गृह मंत्री अहमद अल माइसारी ने अलगाववादी नेता हानी बेन ब्राइक के समर्थकों से कहा है कि वे सरकार को उखाड़ने की उनकी मांग अनसुनी कर दें. माइसारी का कहना है कि ब्राइक का लक्ष्य केवल युद्ध का खतरा पैदा करना और हूथी विद्रोहियों के खिलाफ चल रही लड़ाई को कमजोर करना है.

बीते कई साल से यमन गृहयुद्ध में घिरा है. यहां सऊदी अरब के नेतृत्व में एक गठबंधन सेना ईरान समर्थित हूथी विद्रोहियों से 2015 से ही लड़ रही है. यमन की अंतरराष्ट्रीय मान्यता वाली सरकार तो अब बस अदन के कुछ इलाकों में ही सिमट गई है. अब तक इस लड़ाई में 10 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और देश एक एक तरह से भुखमरी के मुहाने पर पहुंच गया है.

साभार- डी डब्ल्यू हिन्दी