यूएई में रहने वाले भारतीय मूल के शख्स पर लगा इसलामोफबिया का इल्ज़ाम, जांच के आदेश!

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यूएई में रहने वाले भारतीय मूल के मितेश उदेशी सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर मुश्किल में फंस सकते हैं।

 

 

 

भास्कर डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, फाइनेंशियल कंपनी में मैनेजर उदेशी ने पिछले दिनों सार्वजनिक स्थानों पर थूकने वालों को सुसाइड बॉम्बर से ज्यादा खतरनाक बताया था।

 

 

 

मितेश ने फेसबुक पोस्ट के साथ एक इन्फोग्राफिक अटैच किया। इसके मुताबिक,डेटोनेटर लगाकर खुद को उड़ा देने वाला जिहादी 20 लोगों की ही जान लेता है।

 

 

 

लेकिन, कोरोनासंक्रमण के दौर में पब्लिक प्लेस पर थूकने से 2 हजार लोगों की जान जाती है।

 

 

 

मितेश ने इसे, ‘जिहाद वही,सोच नई’ बताया।’’ यह पोस्ट काफी वायरल हो रही है। इसे इस्लामोफोबिक बताया जा रहा है। मितेश की गिरफ्तारी की मांग भी हो रही है।कंपनी ने उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी है।

 

 

 

https://twitter.com/CoronaJihad/status/1246389387480322049?s=20

 

 

 

मितेश जिस कंपनी में मैनेजर हैं। वो उनके खिलाफ जांच कर रही है। ‘गल्फ न्यूज’ वेबसाइट के मुताबिक, मितेश ने यह पोस्ट कुछ फर्जी वीडियो के आधार पर की। इन वीडियो का संबंध भारत से है। इनमें दावा किया गया है कि तब्लीगी जमात से जुड़े कुछ लोग पुलिस पर थूक रहे हैं।

 

 

 

मितेश की पोस्ट की जानकारी मीडिया में आई। इसके बाद उनकी कंपनी के लीगल एडवाइजर का बयान आया। कहा गया, “हम मामले की जांच कर रहे हैं।

 

 

 

अगर ये साबित होता है कि यह पोस्ट उन्होंने की है तो यूएई कानून के मुताबिक कार्रवाई होगी। उन्हें नौकरी से हटाया जाएगा। इस तरह के मामलों में हम जीरो टॉलरेंस पॉलिसी रखते हैं।”

 

 

 

रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले हफ्ते महाराष्ट्र के शमशाद आलम ने यूएई में एक भारतीय कंपनी के मालिक को रिज्यूमे वॉट्सअप पर भेजा। मालिक का नाम एस. भंडारी है।

 

 

 

 

 

 

उन्होंने शमशाद को वॉटसअप पर जवाब दिया। कहा- पाकिस्तान वापस चले जाओ। शमशाद ने कहा, “मैंने भंडारी का विरोध किया तो उन्होंने बदसलूकी की। और मुझसे पुलिस में शिकायत करने को कहा।” आलम ने दुबई पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी है।