यूएई ने पाकिस्तान को पुराने दोस्त की लिस्ट से निकाला!

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भारत कह चुका है कि चीन के साथ उसके संबंध अस्थायी हैं। अब, अरब देश भारत के दुश्मन पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए तैयार हैं तो दूसरी तरफ, नक्शे पर भी भारत के दावे को तरजीह देने पर राज़ी भी। 

 

साथी संदेश पर छपी खबर के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब दोनों ही पाकिस्तान पर यह दबाव बना रहे थे कि वो इज़रायल को साथी देश के तौर पर कबूल करे। लेकिन ईरान के सुर में सुर मिलाते हुए पाकिस्तान इस प्रस्ताव के खिलाफ रवैया अपनाता रहा।

 

अब कोरोना वायरस के कहर की रोकथाम के लिए यूएई ने एक कड़ा फैसला करते हुए पाकिस्तान को सबक सिखाने की कोशिश की है।

 

इस कदम से अरब देशों में भारत की पकड़ और रिश्ते मज़बूत होते नज़र आ रहे हैं तो सऊदी अरब से एक बड़ी कामयाबी भारत के पक्ष में जाती दिख रही है।

 

सऊदी अरब अपने बैंक नोट पर जो नक्शा छापता है, उसमें अब भारत के दावे वाले नक्शे को तरजीह मिलने की खबरें आ रही हैंकहा जा रहा है कि सऊदी अपने नोट पर नक्शे को ठीक करेगा और जम्मू कश्मीर की सीमाओं को भारत के दावे के अनुसार दिखाएगा।

 

दूसरी खबर यह है कि सऊदी के साथ ही यूएई पाकिस्तानी नागरिकों को देश से निकालने की कवायद करने वाले हैं।

 

भारत के साथ सकारात्मक रुख और पाकिस्तान को झटकने की इन दो खबरों को ठीक से जानना ज़रूरी हो जाता है।

 

1 करोड़ की आबादी में 1269 केस रोज़ाना वाले यूएई ने कोविड 19 को फैलने से रोकने के लिए अचानक बीते 18 नवंबर को एक फैसला जारी करते हुए पाकिस्तानी नागरिकों को अपने देश में आने से मना कर दिया।

 

पाक में 20 करोड़ की आबादी पर रोज़ाना औसत केस 2843 हैं। यूएई ने कुल 11 देशों के नागरिकों के लिए यह बैन लगाया, जिनमें तुर्की, ईरान समेत यमन, सीरिया, इराक, सोमालिया, लीबिया, केन्या और अफगानिस्तान जैसे मुल्क शामिल हैं।

 

अब इस कदम से भारत को अहमियत मिलना क्यों समझा जा रहा है? अस्ल में दुनिया में कोरोना वायरस का सबसे ज़्यादा प्रकोप अमेरिका के बाद भारत में ही है।

 

लेकिन, यूएई ने ​इस लिस्ट में भारत और अमेरिका सहित इज़रायल को भी शामिल न करते हुए साफ संकेत दिया है कि दोस्ताना रिश्ते किससे हैं और किससे नहीं।

 

गौरतलब है कि यूएई के समान ही आबादी होने के बावजूद इज़रायल में केस लोड बहुत ज़्यादा होने के आंकड़े पहले आ चुके हैं।

 

यूएई के रिश्ते जहां इज़रायल के साथ गाढ़े हो रहे हैं, तो पाकिस्तान के साथ उलझनें बनी हुई हैं।

 

पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट पर निगरानी रखने के लिए यमन के सोकोत्रा आईलैंड पर एक ‘इंटेलिजेंस बेस’ भी बनाया गया है।

 

इज़रायल की मदद से चीन के बीआरसी को रोकने के लिए अमेरिका कोशिश कर रहा है, जिसके रास्ते में चीन पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर का ग्वादर बंदरगाह महत्वपूर्ण है क्योंकि एक तरह से यहां चीन ही काबिज़ है।

 

तो स्थिति यह है कि चीन के साथी पाकिस्तान को यूएई ने एक तरह से अपनी दोस्ताना लिस्ट से निकाल दिया है और चीन के दुश्मन माने जा रहे भारत, अमेरिका और इज़रायल जैसे अहम मुल्कों को तरजीह दी है।

 

एक रिपोर्ट की मानें तो इस स्थिति को पाकिस्तान के लिए खुद प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी चिंताजनक माना है। पाकिस्तानी लोगों को यूएई के साथ ही सऊदी भी अपने देश से निकाल सकता है या उनकी एंट्री बैन कर सकता है।