सऊदी अरब को झटका, इस मुस्लिम देश ने यमन से सेना वापस बुलाया!

,

   

संयुक्त अरब इमारात ने ईरान-अमरीका के बीच बढ़ते तनाव के कथित डर से, संकटग्रस्त यमन से बड़ी संख्या में अपने सैनिक बाहर निकाले हैं।
न्यूज़ एजेंसी रोयटर्ज़ ने शुक्रवार को 4 पश्चिमी कूटनयिकों के नाम का उल्लेख किए बिना उनके हवाले से कहा कि यूएई ने यह क़दम इसलिए उठाया है क्योंकि अबू धाबी फ़ार्स की खाड़ी में हालिया तनाव के बाद अपनी सेना और उपकरणों को अपने नियंत्रण में रखना चाहता है।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, यह तनाव, मई के शुरु में फ़ार्स की खाड़ी में ईरान की ओर से अस्पष्ट ख़तरे से निपटने के लिए अमरीका द्वारा इस इलाक़े में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती के एलान जैसे युद्धोन्मादी क़दम के बाद बढ़ा है।

एक हफ़्ते के बाद यूएई की फ़ुजैरह बंदरगाह में तेल के टैंकरों को नुकसान पहुंचा। इस महीने के शुरु में ओमान खाड़ी में तेल के दो टैंकरों को धमाके से नुक़सान पहुंचा।

बुधवार को यूएई ने साफ़ तौर पर यह कहते हुए कि इन हमलों के लिए किसी को दोषी ठहराने के लिए ठोस सुबूत नहीं है, अमरीका और यूएई के उस बयान से दूरी बना ली है जिसमें इन दोनों देशों ने बिना किसी सुबूत के इन हमलों के लिए ईरान पर इल्ज़ाम लगाया था।

यूएई ने यह क़दम, अमरीकी ड्रोन द्वारा ईरान की वायु सीमा के उल्लंघन पर ईरानी फ़ोर्सेज़ द्वारा उसे मार गिराए जाने के बाद, उठाया है। ईरान के इस क़दम से अमरीकी सैन्य अधिकारियों और क्षेत्र में उसके घटकों को बहुत हैरत हुयी।

हालिया तनाव और यूएई के बड़ी संख्या में अपने सैनिकों को यमन से निकालने के फ़ैसले पर एक पश्चिमी कूटनयिक ने बताया कि यूएई ने पिछले 3 हफ़्ते के दौरान बड़ी संख्या में अपने सैनिक बाहर निकाल लिए हैं।

हालांकि यूएई के एक अधिकारी ने यमन से कुछ सैनिकों के स्थान बदलने की पुष्टि करते हुए दावा किया कि अबू धाबी यमन से नहीं निकल रहा है बल्कि वह सऊदी अरब की अगुवाई वाले गठबंधन के प्रति कटिबद्ध है।

इस अधिकारी ने यह नहीं बताया कि यूएई के सैनिकों को किन जगहों से हटा कर किन स्थानों पर भेजा गया है। यूएई ने अपने सैनिक ऐसी स्थिति में निकाले हैं कि हालिया दिनों में सऊदी अरब की अगुवाई वाला गठबंधन यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन और इस देश के सशस्त्र बल की जवाबी कार्यवाही से बहुत दबाव में है।

यमनी सेना ने इस देश पर सऊदी अरब के जारी अतिक्रमण के जवाब में पिछले दो महीनों में इस देश के तेल प्रतिष्ठानों, एयरपोर्ट और वायु रक्षा तंत्र सहित मुख्य प्रतिष्ठानों को मीज़ाईल और ड्रोन हमलों का निशाना बनाया है।