राम मंदिर का मुद्दा राजनीति से ऊपर है और इसका आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से कोई संबंध नहीं है
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को अयोध्या के विवादित स्थल पर राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ करने के लिए कानून बनाने की मांग की।
All political parties, especially the ruling #BharatiyaJanataParty–#ShivSena, in #Maharashtra are on tenterhooks as sheer rebellion could sour prospects of official candidates in many constituencies in the October 21 elections for 288 Assembly constituencies.
Photo: IANS pic.twitter.com/6nm97ONpJD
— IANS (@ians_india) October 9, 2019
उन्होंने कहा कि पार्टी के लिए राम मंदिर का मुद्दा राजनीति से ऊपर है और इसका आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से कोई संबंध नहीं है। उद्धव ने 21 अक्टूबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा से गठबंधन के फैसले का बचाव किया जिसमें वह छोटे सहयोगी के रूप में शामिल हुई है।
Uddhav Thackeray also reiterated his party's stand of bringing in law for building Ram temple in Ayodhya.https://t.co/dzhtCYHpi6
— IndiaToday (@IndiaToday) October 8, 2019
मुंबई के शिवाजी पार्क में मंगलवार रात को शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर पर नहीं बोलने की सलाह दी थी क्योंकि मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है।
उद्धव ने कहा, ‘‘लेकिन यह मामला पिछले 35 साल से लंबित है। अदालतें उस दिन बंद रहती हैं जिस दिन राम ने रावण का वध किया और उस दिन भी जब राम अयोध्या लौटे थे, लेकिन वहां मुद्दा यह है कि क्या राम ने अयोध्या में जन्म लिया था?’’
उन्होंने कहा, ‘‘ कहा जा रहा है कि इस महीने अदालत फैसला दे देगी, अगर ऐसा नहीं होता तो हम अपनी मांग पर अडिग हैं कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए विशेष कानून बनाया जाए।’’
पार्टी अध्यक्ष ने कहा, ‘‘शिवसेना राम मंदिर की मांग राजनीति के लिए नहीं कर रही है। हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं और जब हमें धनुष और बाण चुनाव चिह्न मिला था तब राम मंदिर का मामला भी नहीं था।’’