UGC ने गाय विज्ञान पर ऑनलाइन परीक्षा देने के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए विविधता पर बात की!

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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को पत्र लिखकर कहा है कि वे अपने विश्वविद्यालयों और संबद्ध कॉलेजों में छात्रों को इस महीने के अंत में केंद्र सरकार की “स्वदेशी गाय विज्ञान” परीक्षा के लिए प्रोत्साहित करें।

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, परीक्षा के लिए अध्ययन सामग्री में यह दावा किया गया है कि भारत और रूस में परमाणु केंद्रों में विकिरण से सुरक्षा के रूप में गोबर का उपयोग किया जाता है और भोपाल के निवासियों को गैस रिसाव से बचाया जाता है।

यह गोहत्या और भूकंप के बीच एक लिंक का दावा करता है और कहता है कि जर्सी गायों को आलसी और खराब गुणवत्ता का दूध दिया जाता है, जबकि देसी गाय का दूध पीला होता है, क्योंकि इसमें सोने के निशान होते हैं।

यह विवादास्पद सामग्री पिछले महीने हंगामे के कारण अध्ययन पाठ के अंग्रेजी संस्करण से हटा दी गई थी। हालांकि, अध्ययन सामग्री के कई क्षेत्रीय भाषा संस्करण, जिनमें तमिल और मलयालम शामिल हैं, अभी भी ये दावे शामिल हैं।

इसे लेकर यूजीसी ने अपने विश्वविद्यालय को नया निर्देश जारी किया है। परीक्षा का संचालन राष्ट्रीय कामधेनु आयोग (आरकेए) द्वारा किया जाएगा।

इसका विषय देसी गाय की आर्थिक, वैज्ञानिक, पर्यावरण, स्वास्थ्य, कृषि और आध्यात्मिक प्रासंगिकता निर्धारित किया गया है। यह परीक्षा पशुपालन मंत्रालय की देखरेख में होगी।

इस परीक्षा में स्कूल व कॉलेज के विद्यार्थी भाग लेंगे। परीक्षा 25 फरवरी को होगी। इसके लिए विद्यार्थियों को kamdhenu.gov.in पर रजिस्टर करना होगा।

यूजीसी के सचिव रजनीश जैन की ओर जारी पत्र में लिखा गया है कि इस पहल को व्यापक प्रचार देने और छात्रों को इस परीक्षा के लिए खुद को पंजीकृत/पंजीकृत करने के लिए प्रोत्साहित करें।