रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार भेजने का मामला: संयुक्त राष्ट्र ने भारत से जवाब मांगा!

   

संयुक्त राष्ट्र संघ ने पीड़ित रोहिंग्या मुसलमानों को भारत द्वारा ज़ोर ज़बरदस्ती से वापस म्यांमार भेजे जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है।

प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र संघ की मानवाधिकार परिषद ने भारत से इस बात के लिए स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों रोहिंग्या मुसलमानों के एक समूह को बिना किसी कारण के म्यांमार भेजा गया है? यूएनएचआरसी ने एक पत्र जारी करके भारत सरकार से पूछा है कि आख़िर ऐसी कौन सी वजह थी कि रोहिंग्या मुसलमानों को इतनी जल्दी बाज़ी में म्यांमार भेजा गया है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उप प्रवक्ता फरहान हक़ ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि भारत ने तीन महीने के अंदर दूसरी बार रोहिंग्या शरणार्थियों को म्यांमार वापस भेजा है।

यूएनएचआरसी ने अपने बयान में बताया है कि भारत के असम राज्य की जेल में वर्ष 2013 से क़ैद एक ही परिवार के 5 रोहिंग्या शरणार्थियों को गुरुवार 3 जनवरी को म्यांमार भेजा गया है। इन पांच लोगों में पति-पत्नी के अलावा तीन बच्चे शामिल हैं।

ज्ञात रहे कि 25 अगस्त सन 2017 को म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों पर इस देश की सेना और अतिवादी बौद्धों के हमलों के परिणाम स्वरूप छह हज़ार से अधिक रोहिंग्या मुसलमान मारे गए हैं जबकि आठ हज़ार से अधिक घायल हुए है।

म्यांमार की सेना और वहां के अतिवादी बौद्धों के हिंसक आक्रमणों के कारण लाखों की संख्या में रोहिंग्या मुसलमान अपनी जान बचाने के उद्देश्य से बांग्लादेश, भारत सहित कई अन्य देशों में भाग गए हैं जहां पर वे बड़ी ही विषम परिस्थितियों में शरणार्थियों का जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

साभार- ‘parstoday.com’