छात्र नजीब की गुमुशुदी से लेकर अब तक कुलपति प्रो जगदीश कुमार का विवादों में रहा कार्यकाल

   

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के कुलपति एम. जगदीश कुमार कैंपस में 5 जनवरी की हिंसक घटना के बाद लगातार चर्चा में हैं. देश भर के सौ सांसद कुलपति को हटाने के लिए राष्ट्रपति को पत्र लिखने की तैयारी कर रहे हैं. आइए जानें- एम जगदीश कुमार के बारे में, जिनकी नियुक्ति से लेकर अब तक के कार्यकाल में कैंपस में लेफ्ट विंग के साथ लगातार गतिरोध रहा है. क्या हैं वो वजहें.

एम जगदीश कुमार का पूरा नाम मामीडाला जगदीश कुमार है. वो मूल रूप से मामीडाला, नलगोंडा जिला तेलंगाना से हैं. उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग से अपनी एमएस (EE) और पीएचडी (EE) की डिग्री ली.

शायद यही वजह है कि वो इंजीनियरिंग को लेकर खासे उत्साहित रहते हैं. अपने कार्यकाल में उन्होंने जेएनयू में साल 2018 में जेएनयू स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग की शुरुआत की. यहां की फीस को लेकर भी काफी विरोध प्रदर्शन हुए.

उनका कार्यकाल साल 2016 में शुरू हुआ था, ये वही साल था जब जेएनयू परिसर अफजल गुरु की बरसी पर आयोजित कथित देशद्रोही कार्यक्रम से पूरे देश में चर्चा में आ गया. तब से लगातार उनका कार्यकाल विवादित बना हुआ है. उनके कार्यकाल में कैंपस में छात्रों और शिक्षकों के दर्जनों बार बड़े प्रदर्शन हुए.

प्रो एम जगदीश कुमार को जनवरी 2016 में कुलपति पद पर नियुक्त किया गया था. अब उनका एक साल से अधिक का सेवाकाल बचा है. वो अपनी नियुक्ति के ठीक एक सप्ताह बाद विवादों से घिर गए थे.

अफजल गुरु पर कार्यक्रम की इजाजत न मिलने के बावजूद छात्रों ने 9 फरवरी 2016 को बहस आयोजित की. इस कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगे. इसमें छात्रों पर देशद्रोही का आरोप लगा. उस दौरान छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को गिरफ्तार किया गया था.

गिरफ्तारी के बाद कैंपस का माहौल पूरी तरह बदल चुका था. शिक्षकों और छात्रों ने जेएनयू को बचाने के लिए बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए. इस दौरान वीसी द्वारा छात्रों पर पेनल्टी ने उनके लिए विरोध की भावना को और बल दिया.
इस घटना के ठीक नौ महीने बाद कैंपस के एक छात्र नजीब अहमद की गुमशुदगी से एक बार फिर जेएनयू चर्चा में आ गया. उस घटना के बाद भी वीसी पर कई सवाल उठे. तीन साल में नजीब का पता नहीं चल सका है और इस मुद्दे पर कैंपस में बंदी और विरोध प्रदर्शन हुए हैं.

छात्रों द्वारा कुलपति आवास और कार्यालय का कई बार घेराव किया गया. साल 2017 में प्रो जगदीश कुमार ने हाईकोर्ट की गाइडलाइन का हवाला देते हुए “एडमिन ब्लॉक” के आसपास विरोध- प्रदर्शन रोकने का आदेश पारित किया, इस कदम से छात्रों ने और अधिक विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया.

मार्च 2019 में एक प्रदर्शन के दौरान वीसी ने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी को उनके ही घर में सैकड़ों छात्रों ने बंधक बना दिया है. उनके कार्यकाल में ही 2018 में चुने गए छात्रसंघ को अधिसूचित नहीं किया गया. चुने गए पूर्व छात्रसंघ एन साईं बालाजी ने आरोप लगाया था कि वीसी विश्वविद्यालय की विभिन्न समितियों में छात्र प्रतिनिधित्व के खिलाफ हैं.