अनलॉक- 2 में छूट क्या- क्या दिए जायेंगे?

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कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया की अर्थव्‍यवस्‍था पर जो ब्रेक लगाया उसको दोबारा पटरी पर लाने की कवायद के मद्देनजर भारत ने एक चरणबद्ध योजना लागू की थी।

 

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, जून की शुरुआत में लागू की गई इस योजना को अनलॉक-1 कहा गया।

 

इसके तहत कारोबारियों को दोबारा शुरुआत करने के अलावा मंदिर, शॉपिंग मॉल, होटल, रेस्‍तरां आदि को विभिन्‍न चरणों में खोला गया।

 

सरकार ने बाकायदा इसको लेकर गाइडलाइन भी जारी की थी। अलनॉ-1 की प्रक्रिया 30 जून तक थी आइये जानते हैं अनलॉक-1 के दौरान क्‍या कुछ खुला और अनलॉक-2 क्‍या होगा।

 

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 30 जून तक अनलॉक-1 के लिए जारी दिशानिर्देश में गतिविधियों को आगे बढ़ाने की चाबी राज्यों के हाथ में दी थी।

 

राज्यों ने स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए 30 जून तक के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) जारी किया था।

 

कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना समेत कई राज्यों ने गृह मंत्रालय के दिशा- निर्देश के अनुरूप दूसरे राज्यों में आने-जाने पर लगी पाबंदी को हटा दिया।

 

लेकिन महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर के राज्यों ने अभी अंतरराज्यीय आवाजाही पर रोक बरकरार रखने का फैसला लिया। छूट वाले राज्यों में बिना पास के लोगों को कहीं भी आना-जाने की सुविधा दी गई।

कंटेनमेंट जोन के अलावा बाकी पूरे देश में कारोबारी व अन्‍य गतिविविधयों को मंजूरी दे दी गई। इस दौरान लगाए गए ज्‍यादातर प्रतिबंध कंटेनमेंट जोन में ही सीमित कर दिए गए हैं।

 

कंटेनमेंट जोन में आवश्यक गतिविधियों के अतिरिक्त लोगों का आना-जाना प्रतिबंधित रहेगा। कंटेनमेंट जोन के आसपास के कुछ क्षेत्र यानी बफर जोन में भी अतिरिक्त सतर्कता बरतरने के निर्देश दिए गए।

 

मई में शुरू हुई घरेलू हवाई सेवा के विस्‍तार के अलावा अनलॉक-1 के तहत रेल सेवा का विस्तार किया गया।

 

केंद्र की गाइडलाइंस के तहत आठ जून से मॉल, होटल-रेस्टोरेंट और धर्मस्थलों को खोल दिया गया।

 

इन सभी जगहों पर ग्राहकों की संख्‍या को भी निर्धारित किया गया। साथ ही यहां पर आने वाले प्रत्‍येक व्‍यक्ति के मुंह पर मास्‍क होना अनिवार्य किया गया। साथ ही इन सभी जगहों की साफ-सफाई और सेनेटाइज करने का भी सख्‍ती से पालन किया ।

 

इस दौरान अधिकतर राज्‍यों में सरकारी दफ्तरों को पूरी तरह से खोल दिया गया था। इससे पहले ऑफिसों में 50 फीसद कर्मियों के साथ ही काम हो रहा था।