कश्मीर मामले में पाकिस्तान के साथ गलबहियां करने के बाद अब मलयेशिया भारत की ओर से कड़ा रुख अपनाए जाने के साफ संदेश के बाद घबरा गया है।
नाराजगी दूर करने के लिए मलयेशिया ने भारत के समक्ष चीनी और भैंस के मांस का आयात बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। हालांकि खाद्य तेल आयात मामले में इंडोनेशिया को मलयेशिया से ज्यादा महत्व देने के अपने नए रुख पर भारत अडिग है।
The helplessness of the world in stopping atrocities inflicted on the Rohingyas in Myanmar had reduced the regard for the resolution of the UN. Now, despite UN resolution on Jammu and Kashmir, the country has been invaded and occupied.
— Dr Mahathir Mohamad (@chedetofficial) September 28, 2019
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, कश्मीर मामले में भारत सरकार के फैसले की संयुक्त राष्ट्र में आलोचना के बाद भारत ने मलयेशिया के साथ द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने का फैसला किया था।
इस कड़ी में मलयेशिया से खाद्य तेल का सबसे बड़ा आयातक भारत ने इंडोनेशिया से आयात बढ़ाने का संकेत दिया था। भारत की नाराजगी के बाद व्यापारियों ने मलयेशिया की जगह इंडोनेशिया से खाद्य तेल खरीदना शुरू कर दिया।
इससे घबराए मलयेशिया ने भारत के तीसरे सबसे बड़े आयातक होने का हवाला देते हुए चीनी और भैंस के मांस का आयात बढ़ाने का प्रस्ताव दिया। सरकारी सूत्रों का कहना है कि कश्मीर पर पाकिस्तान का साथ देने के बाद भारत की ओर से मलयेशिया के प्रति नरमी दिखाना फिलहाल संभव नहीं दिख रहा।
भारत के पास मलयेशिया में मिल रहे खाद्य तेल की कीमतों पर ही इंडोनेशिया से खाद्य तेल आयात करने का विकल्प है। सैद्घांतिक तौर पर इस आशय का फैसला हो चुका है। यही कारण है कि आयात से जुड़े कारोबारियों ने मलयेशिया में खाद्य तेलों की खरीद बंद कर दी है।