अमेरिका में रहने वाले हजारों भारतीयों को राहत मिली है। बराक ओबामा प्रशासन के समय में एच-1बी वीजा धारकों के पति या पत्नी को अमेरिका में काम करने की अनुमति दी गई थी। अमेरिकी अदालत ने इस योजना को अवैध घोषित करने से फिलहाल इनकार कर दिया है।
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, एच-1बी वीजा एक गैर-प्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विशेषज्ञता के आधार पर विदेशी कर्मचारियों को नौकरी पर रखने की अनुमति देता है।
The #UnitedStates has announced the increase of #H1B work visa application fee by USD 10 as part of its revised selection process https://t.co/ewJvLOEaLg
— National Herald (@NH_India) November 8, 2019
ओबामा के आदेश को रखा जारी
तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 2015 में यह आदेश जारी किया था, जिसमें कुछ श्रेणियों के एच-4 वीजाधारकों खासतौर से ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे एच-1बी वीजाधारकों के जीवनसाथियों को अमेरिका में रहकर काम करने की अनुमति का प्रावधान है।
US Court Refuses To Take Away Work Permits Of Spouses Of H1B Visa Holders, Sends Lawsuit Back To Lower Courthttps://t.co/EZPnGhqxwQ
— Swarajya (@SwarajyaMag) November 10, 2019
अमरीकी कामगारों ने दी थी चुनौती
खासतौर से भारतीय महिलाओं को इस नियम का बहुत लाभ मिला। मौजूदा ट्रंप प्रशासन ने कुछ कारणों से इसे रद्द करने की बात कही थी, जिसे कई अमेरिकी कामगारों ने चुनौती दी।
कोलंबिया सर्किट के जिलों के लिए अमेरिका की अपीलीय अदालत में तीन न्यायाधीशों की पीठ ने शुक्रवार को मामला फिर से निचली अदालत में भेज दिया।
Obama administration in 2015 had given work permits for certain categories of H-4 visa holders, mainly the spouses of the H-1B work visa holders.https://t.co/EZPnGh8WFi
— Swarajya (@SwarajyaMag) November 10, 2019
जानिए H1B वीज़ा के बारे में
एच-1बी कार्यक्रम अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कामगारों को उन पेशों में अस्थायी नौकरी देने की अनुमति देता है जिसके लिए अतिविशिष्ट ज्ञान और किसी खास क्षेत्र में स्नातक या उच्च डिग्री की जरूरत पड़ती है।
चुकाने होंगे दस डॉलर से ज्यादा
इससे पहले खबर आई थी कि अमेरिका में काम करने के लिए एच-1बी वीजा के आवेदन शुल्क के तौर पर अब 700 रुपये (10 डॉलर) ज्यादा चुकाने होंगे। एच-1बी वीजा के लिए अभी आवेदन पर करीब 32 हजार रुपये लिए जाते हैं।
अमेरिका ने अपनी संशोधित चयन प्रक्रिया के तहत इस संबंध में घोषणा की। अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवाओं (यूएससीआईएस) ने गुरुवार को कहा कि वापस नहीं होने वाला यह शुल्क एच-1बी चयन प्रक्रिया को आवेदन करने वालों और संघीय एजेंसी दोनों के लिए प्रभावी बनाने की खातिर नई इलेक्ट्रॉनिक पंजीकरण प्रणाली में उपयोगी साबित होगा।
यूएससीआईएस के कार्यकारी निदेशक केन कुसिनेली ने कहा कि इस प्रयास के जरिए ज्यादा प्रभावी एच-1बी कैप चयन प्रक्रिया लागू करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘इलेक्ट्रॉनिक पंजीकरण प्रणाली हमारे आव्रजन तंत्र को आधुनिक बनाने के साथ ही फर्जीवाड़े को रोकने, जांच प्रक्रियाओं में सुधार करने और कार्यक्रम की अखंडता को मजबूत करने की एजेंसी स्तरीय पहल का हिस्सा है।’
संघीय एजेंसी वित्त वर्ष 2021 के लिए पंजीकरण प्रक्रिया को इस प्रणाली का सफल परीक्षण होने के बाद लागू करेगी। एजेंसी औपचारिक निर्णय होने के बाद इसके क्रियान्वयन और शुरुआती पंजीकरण अवधि की निर्धारित समय-सीमा की घोषणा करेगी और यूएससीआईएस पंजीकरण संबंधी प्रक्रिया को लागू करने से पहले लोगों को कई बार सूचित करेगी।