दुनियाभर में कोरोना वायरस से संक्रमितों को संख्या बढ़कर 20 लाख के पार पहुंच गई है जबकि इस जानलेवा वायरस से अब तक 1 लाख 26 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. अमेरिका में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा लोग शिकार हुए हैं, जहां 25 हजार से ज्यादा लोग दम तोड़ चुके हैं.
इस बीच, कोरोना महामारी फैलने के लिए जिम्मेदार मानते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को फंडिंग रोकने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले पर दुनिया के कई देशों ने नाराजगी जाहिर की है. अमेरिका के इस कदम की चीन और रूस सहित दुनिया के कई देशों ने आलोचना की है.
रूस ने अमेरिका को बताया स्वार्थी
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई रियानकोव ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विश्व स्वास्थ्य संगठन की फंडिंग पर रोक वैश्विक महामारी को लेकर एक स्वार्थी प्रतिक्रिया को जाहिर करता है. समाचार एजेंसी टीएएसएस के अनुसार विदेश मंत्री सर्गेई रियानकोव ने बुधवार को कहा, “हम वाशिंगटन की कल की घोषणा को डब्ल्यूएचओ की फंडिंग को रोकने के रूप में देखते हैं. यह अमेरिकी अधिकारियों के लिए बहुत ही स्वार्थी दृष्टिकोण का संकेत है.
बर्बाद करने को समय नहीं: WHO
वहीं WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनोम घेबियस का बयान भी सामने आया है. हालांकि, उन्होंने सीधे अमेरिका को लेकर कुछ नहीं कहा है, लेकिन यह स्पष्ट कर दिया है कि उनके पास इस बेकार के विवाद में उलझने का समय नहीं है. उन्होंने कहा, “इस समय हमारा केवल एक ही मकसद है, लोगों को कोरोना वायरस की महामारी से बचाना और वायरस के प्रसार पर रोक लगाना.”
टेड्रोस एडनोम घेबियस ने जारी बयान में कहा, “कोरोना वायरस के बारे में हमने अब तक यह जाना है कि जितनी जल्दी संक्रमित लोगों के बारे में पता चलता है, जांच की जाती है, उन्हें आइसोलेट किया जाता है, उतनी ही जल्दी इस वायरस के फैलने की रफ्तार को धीमा किया जा सकता है. इसलिए फिलहाल हमारा ध्यान दुनियाभर के लोगों की जान बचाने पर है.”