मुसलमानों का शोषण: अमेरिका ने चीन पर लगाया प्रतिबंध!

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चीन के शिनजियांग प्रांत के उइगर मुसलमानों का शोषण करने वाली 11 चीनी कंपनियों को अमेरिका के वाणिज्य विभाग ने काली सूची में डाल दिया है।

 

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, वाणिज्य विभाग ने कहा कि ये कंपनियां अपने उत्पाद तैयार करने के लिए उइगर मुसमलानों का जमकर शोषण करती हैं। इनमें से कई टेक्सटाइल कंपनियां हैं जबकि दो कंपनियां ने उइगरों पर अपने उत्पादों का परीक्षण किया है।

 

काली सूची में डाली गई ये कंपनियां अब अमेरिकी सरकार की इजाजत के बगैर कोई कलपुर्जा नहीं खरीद सकेंगी।

 

ये तीसरी बार है जब अमेरिका ने चीन की कंपनियों को काली सूची में डाला है। इससे पहले दो दौर में ट्रंप प्रशासन 37 चीनी कंपनियों पर कार्रवाई कर चुका है।

 

इन कंपनियों पर भी शिनजियांग प्रांत में इउगरों पर शोषण करने का आरोप है। वाणिज्य मंत्री विलबर रॉस ने बताया कि चीन अपने नागरिकों से न केवल जबरन श्रम करा रहा है बल्कि उन पर शारीरिक परीक्षण भी कर रहा है।

 

इस अमेरिकी कार्रवाई पर वाशिंगटन स्थित चीनी दूतावास ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

 

जिन कंपनियों को काली सूची में डाला गया है उनमें केटीके भी शामिल है जो हाइस्पीड ट्रेनों के निर्माण के लिए जरूरी दो हजार से ज्यादा उत्पाद बनाती है।

 

वहीं एक और कंपनी तानयुआन टेक्नोलॉजी भी है जो विद्युत उपकरण बनाती है। चांगजी इस्क्वेल, 2009 में लांच किए गए इस्क्वेल ग्रुप की टेक्सटाइल कंपनी है।

 

हालांकि इस कंपनी ने अप्रैल में इस बात से इनकार किया था कि वह उइगरों से जबरन काम नहीं ले रही है। इस्क्वेल ग्रुप राल्फ लारेन, टॉमी हिलफिगर और ह्यूगो बॉस के लिए कपड़े बनाती है।

काली सूची में शामिल की गए एक कंपनी हेतियन हाओलिन हेयर एक्सेसरीज भी है। पहली मई को अमेरिकी कस्टम एंड बार्डर प्रोटेक्शन (सीबीपी) ने कहा था कि बालों के उत्पाद बनाने वाली कंपनी, उइगरों से जबरन काम लेती है।

 

सीबीपी ने पहली जुलाई को इस कंपनी की खेप जब्त की थी जिसमें आठ लाख डालर मूल्य के मानव केश मिले थे जो उइगरों के बताए गए थे।