अमेरिका ने मंगलवार को कहा कि वह शिमला समझौते के अनुसार भारत एवं पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत का समर्थन करता है लेकिन इस वार्ता में मुख्य बाधा सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने वाले आतंकवादी समूहों को पाकिस्तान का समर्थन देना है।
Kashmir News: US says Pakistan’s support for terrorists biggest obstacle in India, Pakistan relations, supports dialogue as outlined in Simla Agreementhttps://t.co/TA3MPU7wHr
— NewsX (@NewsX) October 22, 2019
दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों की अमेरिकी कार्यवाहक सहायक विदेश मंत्री एलिस जी वेल्स ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति की एशिया, प्रशांत एवं निरस्त्रीकरण उपसमिति से कहा, ‘‘हमारा मानना है कि 1972 के शिमला समझौते में बताए अनुसार भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत करना तनाव कम करने में सर्वाधिक कारगर हो सकता है।’’
#Exclusive | Peaceful Kashmir ‘irks’ Pakistan. While ‘vigilant’ India crushes terror, ‘rogue’ Pak Army targets innocent people in the Valley.
TIMES NOW’s Sohil Sehran with ground details from Tangdhar sector. Listen in. | #OneIndiaSpooksPak pic.twitter.com/IqFtWVziK6
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उन्होंने कहा कि ऐसा बताया जाता है कि 2006-2007 में पर्दे के पीछे की वार्ता के दौरान भारत और पाकिस्तान ने कश्मीर समेत कई मामलों पर उल्लेखनीय प्रगति की थी।
इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, वेल्स ने कहा, ‘‘इतिहास दर्शाता है कि क्या संभव हो सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उपयोगी द्विपक्षीय वार्ता पुन: आरंभ करने के लिए भरोसा कायम करने की आवश्यकता है और सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने वाले आतंकवादी समूहों को पाकिस्तान का समर्थन देना इस वार्ता में मुख्य बाधा है।’’
Report: India slams Pakistan for raising Kashmir issue at United Nations.https://t.co/rdGKC8laiG
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वेल्स ने कहा कि अमेरिका पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के इस हालिया बयान का स्वागत करता है कि कश्मीर में हिंसा करने वाले पाकिस्तान के आतंकवादी कश्मीरियों और पाकिस्तान दोनों के दुश्मन है।
उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी समूहों को शरण दे रहा है जो सीमा पार हिंसा को भड़काना चाहते हैं। पाकिस्तान का शरण मुहैया कराना अस्थिरता पैदा करता है और पाकिस्तानी प्राधिकारी अपने कदमों के लिए जवाबदेह हैं।’’
वेल्स ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी प्रकार की सफल वार्ता इस बात पर निर्भर करती है कि पाकिस्तान अपनी जमीन पर आतकंवादियों के खिलाफ सतत एवं अपरिहार्य कार्रवाई करे।’’
उन्होंने सांसदों से कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा समेत अपने भारतीय एवं पाकिस्तानी समकक्षों से कई बार बात की।