फलस्तीनी प्रोफेसर को 11 साल जेल में रखने के बाद अमेरिका ने इजरायल के हवाले किया!

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अमरीका ने फ़िलिस्तीन के राष्ट्रपति पद के पूर्व उम्मीदवार व यूनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर अब्दुल हलीम अलअश्क़र को 11 साल जेल में रखने के बाद इस्राईल के हवाले किया है, जिसकी फ़िलिस्तीन की अंतर्राष्ट्रीय संबंध परिषद ने कड़ी निंदा की है।

अलअश्क़र को अमरीका ने फ़िलिस्तीन के हमास आंदोलन के लिए राशि इकट्ठा करने और अवैध गतिविधियों में लिप्त होने के इल्ज़ाम में 11 साल जेल में रखा था।

अमरीका ने अलअश्क़र को इस्राईल को प्रत्यर्पित किया है जो इस समय अपराधी तेल अविव शासन के क़ब्ज़े में हैं। फ़िलिस्तीन की अंतर्राष्ट्रय संबंध परिषद ने गुरुवार को एक बयान में अमरीका के इस क़दम की निंदा करते हुए कहा है कि अलअश्क़र को कुछ भी हुआ तो इसके लिए अमरीका ज़िम्मेदार होगा।

इस परिषद ने बल दिया कि अमरीका के इस क़दम से फ़िलिस्तीनी राष्ट्र और पश्चिम एशिया में शांति व स्थिरता से अमरीका की दुश्मनी की पुष्टि होती है। इसी तरह अमरीका का यह क़दम अन्यायपूर्ण ज़ायोनी शासन और उसके अपराध के प्रति अमरीका के अंधे समर्थन को भी दर्शाता है।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, अश्क़र वॉशिंग्टन स्थित होवर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर थे। उन्हें 1998-1999 के बीच अमरीकी प्रशासन ने अमरीका स्थित कई इस्लामी संगठनों के लिए फ़न्ड इकट्ठा करने के इल्ज़ाम में कई महीने हिरासत में रखा ।

उन्हें अगस्त 2004 में वॉशिंग्टन की होवर्ड यूनिवर्सिटी से हटा दिया गया। उसके बाद उन्हें अवैध गतिविधियों और हमास के लिए फ़न्ड इकट्ठा करने के इल्ज़ाम में गिरफ़्तार किया गया और घर में नज़रबंद कर दिया गया।

अश्क़र ने 9 जनवरी 2005 में फ़िलिस्तीन के चुनाव में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में नामांकन भरा था। वह उन 10 उम्मीदवारों में शामिल थे जो स्वशासित फ़िलिस्तीनी प्रशासन के अध्यक्ष यासिर अरफ़ात की मौत के बाद उनकी जगह लेना चाहते थे। नवंबर 2007 में अश्क़र को 135 महीने जेल की सज़ा मिली।