VIDEO: दलित को शव ले जाने के लिए रास्ता नहीं दिया, ब्रिज से लटका कर श्मशानघाट में उतारा

,

   

एक 46 वर्षीय दलित व्यक्ति की शव यात्रा को स्थानीय उच्च-जाति समुदाय के द्वारा रास्ता नहीं दिया गया। शव को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट ले जाया जाना था, लेकिन समुदाय के कुछ लोगों की जमीन रास्ते में पड़ती है।

इस वजह से दलित व्यक्ति के शव को लोग मुख्य रास्ते से नहीं जे पाए। श्मशान घाट पहुंचने के लिए 20 फीट ऊंचे पुल का इस्तेमाल करना पड़ा, जहां नदी के ऊपर बने इस पुल से शव को लटकाकर नीचे उतारा गया।

[get_fb]https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=10217890204100237&id=1037687594[/get_fb]

जागरण डॉट कॉम के अनुसार, एन कुप्पन नामक दलित शख्स का शनिवार को निधन हो गया था। उनके पार्थिव शरीर को एक पुराने अंतिम संस्कार के मैदान में ले जाया जाना था, लेकिन वहां जाने के लिए कुछ उच्च जाति के स्थानीय लोगों की कृषि भूमि से होकर गुजरना था, लेकिन उन्होंने शव यात्रा को प्रवेश देने से इनकार कर दिया।

तो फिर क्या था दर्जन भर लोगों ने धीरे-धीरे पुल से स्ट्रेचर को नीचे उतारा। इसका वीडिया भी वायरल हो गया और उसमें साफ देखा जा सकता है कि कितने खतरे से खेलते हुए ऐसे शव को उतारा जा रहा है। इस दौरान शव से मालाएं भी गिरती देखी गईं।

तमिलनाडु के वेल्लोर जिले के वानियाम्बड़ी तालुक में सामने आई यह घटना इस बात का प्रतिनिधित्व करती है कि गांव में स्थानीय उच्च-जाति समुदाय के सदस्यों द्वारा दलितों के साथ किस तरह से भेदभाव किया जाता है। यहां दलित समुदाय के पास खुद का एक श्मशान भी नहीं है।

इसका वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें उस घटना को दिखाया गया है जिसमें आदमी के शव को बांधकर पुल से नीचे उतारा जा रहा है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि इस तरह की घटना हुई है, समुदाय के अनुसार, ऐसा भेदभाद का सामना उन्होंने पहले भी कई बार किया हैं।

उनमें से कुछ ने तो यहां तक कहा कि शवों का अंतिम संस्कार करने का यही एकमात्र तरीका है और कोई विकल्प इसका नहीं है। पुलिस का कहना है कि घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। मामला बुधवार की शाम को चर्चा में आया। पुलिस ने कहा है कि इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।